MST धारक एवं छोटी यात्रा करनेवाले यात्रिओंकी परेशानी नामक लेख में, ( यह उस लेख की लिंक है, http://wp.me/pajx4R-9t) उपरोक्त परेशानियों पर अपने विचार आपके सामने रखे थे। रेल्वेसे भी अनुरोध किया था की वे इन छोटी यात्रा करनेवाले यात्रिओंको किस तरह परेशानियों से मुक्ति दिला सकती है।
इस लेख में हमने छोटी दूरी के लिए इंटरसिटी गाड़ियाँ चलाने की सोच रखी थी, उसी सोच में आगे हम आपको रेलवे की भविष्य में आनेवाली गाड़ियाँ कैसी रहेगी यह बताते है।
रेलवे में तीन प्रकार की गाड़ियाँ रहती है। एक लंबी दूरी की गाड़ियाँ, जिसमे नीले कलर के ICF कोच लगते है या फिर आजकल लाल कलर के LHB कोच लगाए जाते है और एक लोको याने इंजिन आगे से गाड़ी खींचता है। यह बिल्कुल पारंपारिक, हमेशा वाली गाड़ी हो गयी। इसमें गति बढाने के लिए याने नीले डिब्बे वाली ICF गाड़ी जो 110 KM प्रति घंटा चलती थी अब LHB कोचेस की वजह से 130 की स्पीड ले सकती है और उसके भी आगे चलके आगे और पीछे दोनों सिरेपर, एन्ड पर लोको, इंजिन लगाकर 160 KM प्रति घंटा चलाई जाने की को शिशें शुरू हो गयी है।
दूसरा प्रकार है EMU/ DMU याने सीधी भाषामे लोकल ट्रेन। इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट, डीज़ल मल्टीपल यूनिट यह गाड़ियाँ मेट्रो शहरोंमें चलती है। मुम्बई की लोकल तो आपने देखी होगी वहीं। इसमें अलगसे लोको इंजिन नही लगता। दोनों सिरोंपर लोको पायलट गाड़ी चला सकता है। जिस दिशा में चलानी है, उस सिरे पर लोको पायलट कैबिन में जाकर गाड़ी चलता है। इसकी इंजिन की मोटरें अलग अलग डिब्बों में लगी होती है। यह गाड़ी उपनगरीय ट्रैफिक ही सम्भालती है, लम्बी दूरी के लिए उपयोगी नही। इसका दायरा लगभग 100 km के आसपास रहता है और स्पीड 80 से 100 km प्रति घंटा होती है।
तीसरा प्रकार है, जो आधुनिक है।
MEMU मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल युनिट। यह गाड़ी मेनलाइन पर चलाने के लिए तैयार की गई है। इसकी रेंज 200 km तक रहती है, बाकी स्पीड और सभी ऑपरेशन EMU की तरह ही होते है।
आने वाले दिनोंमें इसी MEMU गाड़ी को उन्नत बनाया जा रहा है, बिल्कुल T18 वन्देभारत एक्सप्रेस की तरह। T18 एक तरह से MEMU ट्रेन ही है जो लम्बी दूरी के लिए बनाई गईं है, वातानुकूलित और हर डिब्बे में टॉयलेट, बेसिन तैयार किए गए है। मिनी पेन्ट्री के लिए हीटर, हॉट ड्रिंक डिस्पेंसर आदी व्यवस्था भी विकसित की गई है।
इस गाड़ी की 16 डिब्बों की कुल संरचना रहेगी। जिसमे पारंपरिक MEMU गाडीसे 25 % ज्यादा यात्री यात्रा कर पाएंगे। यात्रिओंको आपाद स्थितियों में गाड़ी के लोको पायलट से सीधे बात करते आएगी। गाड़ी के सभी डिब्बे सीसीटीवी से निगरानी में रहेंगे। गाड़ी की ब्रेकिंग सिस्टम बिजली का पुनरुत्पादन भी करेगी।
आनेवाले दिनोंमें 200 से 300 km के दायरेमे ऐसी इंटरसिटी गाड़ियाँ चलाई जाने वाली है।इससे लम्बी दूरी की गाड़ियोंपर पड़ने वाला दबाव काफी कम हो जायेगा और सबसे ज्यादा राहत हमारे MST पास धारक और छोटी छोटी यात्रा रोजाना करने वाले तात्कालिक यात्रिओंको होगी।
तो बस, थोडासा और इंतज़ार अच्छे दिन आने का।