नागपुर से छिंदवाड़ा के बीच बड़ी रेल लाइन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। भण्डारकुण्ड और भिमालगोंदी के बीच की 20 km लाइन का काम ही बाकी था वह भी पूरा हो चुका है। नवम्बर के पहले या दूसरे सप्ताह में CRS इंस्पेक्शन करवाया जाएगा और उसके बाद यात्री गाड़ी चलाई जाने की संभावना है।
उसी प्रकार बहुचर्चित, बहुप्रतीक्षित जबलपुर गोंदिया का गेज कन्वर्जन का कार्य भी अंतिम चरणोंमें है। जबलपुर से नैनपुर का कार्य पूर्ण हो चुका है, और गोंदिया की ओरसे पादरीगंज तक का काम पूरा हो गया है बस नैनपुर से पादरीगंज का काम बचा है। जब यह पर मार्ग ट्रैफिक के लिए खुलेगा तो शुरू दिन से ही इलेट्रीफाइड रेल मार्ग उपलब्ध रहेगा।
जबलपुर से गोंदिया रेल मार्ग कुल 229 km का है और गोंदिया से बल्हारशहा 249 km याने जबलपुर से बल्हारशहा वाया गोंदिया 478 km पड़ता है। जिसमे 2 बड़े और व्यस्ततम जंक्शन इटारसी और नागपुर बाईपास होते है। फिलहाल जबलपुर से बल्हारशहा 751 km है, याने उत्तर से दक्षिण मार्ग पर सीधी 273 km की बचत हो गई।
इस मार्गपर कुल 16 गाड़ियाँ चलती है जिसमे केवल 2 गाड़ियाँ रोजाना है। इस मार्ग के नैनपुर, मंडला, बालाघाट के लोगोंको तो कमसे कम 6 नई या डाइवर्ट की गई, उत्तर में दिल्ली, इलाहाबाद, वाराणसी को दक्षिण भारत के बंगलुरू, तिरुवनंतपुरम को जोड़ने वाली गाड़ियोंकी अपेक्षा है। जबलपुर से मंडुआडीह और दिल्ली जानेवाली महाकौशल एक्सप्रेस को बालाघाट से चलाए जाने की कोशिशें शुरू हो गयी है।
यह भारतीय रेल के उत्तर दक्षिण कॉरिडोर का महत्वकांक्षी गेज कन्वर्जन साबित होंने जा रहा है।
फोटो मैप और जानकारी : इंडिया रेल इन्फो से साभार