17064/17063 सिकंदराबाद मनमाड़ सिकंदराबाद अजंता एक्सप्रेस को भुसावल तक एक्सटेंड करने का आग्रह यात्री संगठन द्वारा बार बार किया जाता है। दरअसल भुसावल की और विस्तार करने का आग्रह सिकंदराबाद, निजामाबाद, नान्देड, औरंगाबाद की ओरसे आनेवाले यात्रिओंका नही है बल्कि मनमाड़, नांदगाव, चालीसगांव से जलगाव और भुसावल की ओर स्थानिक अपडाउन करनेवाले यात्रिओंका आग्रह ज्यादा है। इन यात्रिओंको महाराष्ट्र एक्सप्रेस में जगह नही मिलती और देवलाली पैसेंजर सही समयपर नही चलती।
फिर, अजन्ता एक्सप्रेस का विस्तार कैसे हो? तो आम और लम्बी दूरी के यात्रिओंके विचार में, इस गाड़ी को भुसावल की बजाय नासिक की दिशा में विस्तरित किया जाना चाहिए।
यह गाड़ी सिकंदराबाद से चलती है तो जालना, औरंगाबाद होते हुए मनमाड़ पोहोंचती है और जालना या औरंगाबाद से जलगाव, भुसावल का अंतर सड़क मार्ग से मात्र 150km पड़ता है। किसी यात्री को सिकंदराबाद से जलगाव, भुसावल आना है तो वह मनमाड़ होते हुए भुसावल आने के बजाय गाड़ी मनमाड़ पहुंचे तब तक सड़क मार्गसे जलगाव, भुसावल पोहोंच जाएगा।
अब नासिक क्यों?
नासिक यह हिन्दुओंके लिए बड़ा तीर्थक्षेत्र है। त्रम्बकेश्वर जोतिर्लिंग के लिए नासिक होकर ही जाना पड़ता है। इसके अलावा नासिक MIDC, IT पार्क भी काफी डेवेलप हुवा है। नासिक विस्तार करने का ज्यादा फायदा है, की गाड़ीमे 60 से 70 % तक यात्री नासिक की ओर जानेवाले रहते है, जिन्हें मनमाड़ में गाड़ी छोडकर दूसरी ट्रेन ढूंढना पड़ता है। गाड़ी की टेक्निकल स्थिति भी नासिक की दिशामे होने से शंटिंग का समय बचेगा। मनमाड़ नासिक अंतर भी ज्यादा नही है, सिर्फ 73km अंतर और घंटे, डेढ़ घंटे का सफर। जालना, औरंगाबाद के यात्रिओंको, साथही सिकंदराबाद, निजामाबाद, नान्देड के यात्रिओंको नासिक के लिए ओवरनाइट कनेक्टिविटी मिल जाएगी।
बात रही भुसावल विस्तार के आग्रह की तो इसके लिए महाराष्ट्र एक्सप्रेस और उसके पीछे चलनेवाली देवलाली भुसावल पेसेंजर में एक्स्ट्रा कोचेस जोड़कर, कठोर समयपालन कर के यात्रिओंकी समस्या हल हो सकती है। साथ ही साथ मुम्बई मनमाड़ के बीच 3 इन्टरसिटी गाड़ियाँ चलती है। पंचवटी एक्सप्रेस, राज्यरानी एक्सप्रेस और गोदावरी एक्सप्रेस। इन तीनो गाडीमेसे एक या दो गाड़ियोंको भुसावल तक विस्तार दे कर यात्रिओंका आग्रह और कनेक्टिविटी दोनोंही पूरी की जा सकती है।