आपने गरीब रथ में यात्रा करते बेड रोल की उपलब्धता की समस्या से सामना किया होगा, क्योंकि रेलवे की अन्य वातानुकूलित श्रेणी की तरह गरीब रथ एक्सप्रेस में बेड रोल चार्जेस किराएमे सम्मिलित नही रहते। गरीब रथ एक्सप्रेस में बेड रोल ऑप्शनल रखा गया है, जिसका चार्जेस अलगसे देना पड़ता है और यदि आप आरक्षण लेते वक्त बेड रोल अलगसे ₹25/- देकर बुक करना भूल गए तो गाड़ी में बेड रोल मिलने में बड़ी मुश्किल होती है।
गरीब रथ एक्सप्रेस, भारतीय रेल में सन 2006 में शुरू की गई थी और आज की तारीख में 26 गरीब रथ गाड़ियाँ चलाई जा रही है। इसके शुरू करने की यह मंशा थी की सर्वसाधारण यात्री को निम्नतम किरायोंमे रेलवे की वातानुकूलित सेवा का आनंद लेते आना चाहिए। चूँकि किराया कम रखना था दूसरा गरीब रथ डिब्बों की जो रचना थी उसमें यात्री ज्यादा समाए रहते थे। इन ज्यादा यात्रिओंकी अनुपात में बेड रोल भी दिए जाते तो उतने बेड रोल रखने के लिए डिब्बों में जगह नही थी। इसके लिए यात्री को बेड रोल लेना ऑप्शनल कर दिया, यात्री अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बेड रोल का मूल्य दे और बेड रोल बुक करें या यात्रा के दौरान ले। इससे किराए भी कम रहते थे। लेकिन इसमें दिक्कत यह होने लगी की स्टार्टिंग स्टेशन पर जितने भी बेड रोल होते, यात्री सम्भाल लेते और बीच के स्टेशनोंसे चढ़ने वाले यात्रिओंको बेड रोल उपलब्ध ही नही रहते थे। यहाँतक की बुक किए यात्रिओंको भी बेड रोल नही मिल पाते थे।
इन सारी परेशानियों के चलते रेल प्रशासन ने 15 मई 2020 से सारे गरीब रथ एक्सप्रेस में बेड रोल चार्जेस को अन्य वातानुकूलित श्रेणियों की तरह किराए में सम्मिलित कर दिया है और हर यात्री को बेड रोल मिले ऐसा सुनिश्चित कर दिया है। इसके लिए सम्बंधित क्षेत्रीय रेलवे को सूचना दी गयी है, डिब्बों में बेड रोल रखने के लिए, कुछ बर्थ कम कर के उचित जगह बनाए और यात्रिओंको सुविधा दे।