कमसे कम सात महीने बीत चुके है 11025 / 11026 पुणे भुसावल पुणे हुतात्मा एक्सप्रेस का तोला माँसा चल रहा है। सभी यात्री, अब कौनसे दिन हुतात्मा एक्सप्रेस के दर्शन नासिक में होंगे यह सोच परेशान हुए जा रहे है।
अपने प्रॉपर मार्ग कर्जत, पनवेल, कल्याण, इगतपुरी और नासिक की जगह दौंड और अहमदनगर होकर मनमाड़ से भुसावल तक आ रही है। मनमाड़ से तो आगे भुसावल के बीच उसका मार्ग और टाइमटेबल वही पुराना ही है।
परावर्तित मार्ग से इस गाड़ी को चलाए जाने से चिंचवड़, लोणावला, कर्जत, पनवेल, कल्याण आदी शहरोंमें जो जलगाँव जिले के रहनेवाले, यहाँसे पुणे शहर में पढ़ने गए विद्यार्थियों और पुणे की औद्योगिक वसाहतों में काम करने वाले चाकरमनी लोगोंकी बड़ी आफत बनी हुई है। शुरू में 30 दिन के लिए परावर्तित यह गाड़ी, कर्जत घाट के बीच रेल अनुरक्षण की काम के वजह से पुणे मनमाड़ के बीच लगातार परावर्तित चलाई जा रही है।
चिंचवड़ और आसपासमें जलगाँव जिले के बहोत सारे बच्चे पढाई के लिए गए है उनके लिए यह गाड़ी अपने गाँव आने जाने के लिए हक़ की गाड़ी लगती है। गाड़ीमे, सीधे चिंचवड़ से बैठने और पुणे आकर बैठने उनका काफी समय और पैसा जाया हो रहा है। जब गाड़ी पुणे से ही पकड़ना है तो रेलगाड़ी की जगह वह अपने पुणे के सबर्बन इलाकोंसे लक्ज़री बस में यात्रा करना प्रिफर करने लग गए है।
आगे पुणे, पनवेल से नासिक और मनमाड़ तक जोड़नेवाली यह एकमात्र और बेहद लोकप्रिय गाड़ी है। इस कनेक्टिविटी का टूटना न सिर्फ नासिक, कल्याण और पनवेल वासियोंके लिए बल्की जलगाँव जिले के यात्रिओंके लिए भी बेहद दुःखद और पीड़ादायक है। जलगाँव जिले के कई यात्री इस गाडीसे कल्याण, पनवेल उतरके मुम्बई और उसके सबर्बन इलाके में जाते है।
सभी यात्री रेलवे की इस गाड़ी को अपने प्रॉपर मार्गपर न चला पाने की असुविधा को मानते है, लेकिन रेलवे भी इन यात्रिओंके लिए कुछ न कुछ तो कर ही सकती है। चूँकि हर पंधरह दिनोंमें एक नोटिफिकेशन आ जाता है की गाड़ी आगे भी परावर्तित मार्ग पर चलेगी तो लोग निराश हो जाते है। इस निराशा को थोड़ासा मरहम लगाया जा सकता है। इस गाड़ी जब परावर्तित मार्ग पर चलें तो पुणे के बजाए कर्जत से चलाया जाए तब समस्या काफी हद तक सुलझाई जा सकेगी, लोनावला, चिंचवड़ के यात्री भी चढ़ जाएंगे और दूसरा मनमाड़ से पनवेल के बीच कोई कनेक्टिंग ट्रेन देकर या मनमाड़ इगतपुरी शटल का टाइमिंग एडजस्ट कर के पुणे से नासिक चलने वाले यात्रिओंको रिलीफ़ दिया जा सकता है।
परावर्तित मार्ग में एक वेदना और भी है। यह गाड़ी महीनों दौंड, अहमदनगर, बेलापुर कोपरगाँव होकर चल रही है। इन स्टेशनोंपर रुकती भी है। सोलापुर डिवीजन के इन सारे स्टेशनोंपर इसकी रोज उद्घोषणा भी की जाती है, की इन स्टेशनोंपर यह गाड़ी रुकेगी, लेकिन आम यात्री इसमें प्रॉपर शेड्यूल न होने की वजह से न तो आरक्षण ले पाता है और ना ही अपना इन स्टेशनोंपर जाने आने के लिए कुछ इंतजाम कर पाता है। जिस तरह 15 दिन पहले रेल प्रशासन सर्क्युलर निकाल यह बता देती है की गाड़ी परावर्तित मार्ग पर चलेगी तो यह भी बता दें, इसका यह टाइमटेबल रहेगा, ताकी यात्री कमसे कम परावर्तित मार्ग का ही फायदा ले सके।