भुसावल जलगाँव के बीच तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। यह 25 km के काम मे भुसावल से भादली तक तीसरी लाइन पूरी हो चुकी है और भादली से जलगाँव का काम भी अप्रेल से पहले पूरा करने की कवायद चल रही है। भादली से भुसावल तक तीसरी लाइनपर, मालगाड़ियोंका ट्रैफिक चल रहा है। यह पूरा प्रोजेक्ट एक तरह से भुसावल सूरत रेल ट्रैफिक के लिए महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है। किस तरह, आइए आपको बताते है।
सूरत – जलगाँव रेल मार्ग पश्चिम रेलवे के मुम्बई डिवीजन का हिस्सा है, जो की दोहरी रेल लाइन और विद्युतीकरण होकर तैयार है। 130 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड का यह मार्ग एक जियोग्राफिकल हक़ीकत की वजह से अपनी क्षमता से बहोत कम उपयोग में लिया जा रहा है। दरअसल पश्चिम रेलवे के सूरत – भुसावल मार्ग का जलगाँव जंक्शन पर मध्य रेलवे के मुम्बई भुसावल मेन लाइन से लिंक होता है, और यहाँ पर ही दोनों ओरसे आने वाली गाड़ियोंका जमावड़ा तैयार हो जाता है। मुम्बई से भुसावल के बीच कई तेज गाड़ियाँ है, जो जलगाँव नही रुकती और इसीलिए उन गाड़ियोंको सीधे निकलनेमे पश्चिम रेलवे की सूरत से आने वाली गाड़ियोंको बिना वजह जलगाँव में या स्टेशन के बाहर 25-40 मिनिट तक खड़ा रखना पड़ता है। यही स्थिति जब पश्चिम रेलवे में भुसावल से सूरत की ओर जानेवाली गाड़ियोंके लिए जलगाँव में, मुम्बई लाइन क्रॉस करके जाने में होती है।
भुसावल – जलगाँव के बीच तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण इन्ही भौगोलिक परेशानी का समाधान करने वाले स्वरूप में किया जा रहा है। भुसावल से भादली तक यह दोनों लाइनोंको मौजूदा मेन लाइनोंके साथ लाया गया है और भादली के बाद जलगाँव तक यह दोनों नई लाइनें, एक ROR रेल ओवर रेल या यूँ कहिए फ्लाईओवर ब्रिज से भुसावल मुम्बई मैन लाइन को क्रॉस करती हुई दूसरी दिशा में, जलगाँव – सूरत लिंक की साईड में आ जायेगी। जो कॉन्जेशन, लाइन क्रॉसिंग की समस्या है, वह खत्म हो जाएगी।
अब आपको पूर्ण स्थिति समझ आ गयी होगी, जब जलगाँव स्टेशन पर मध्य रेल और पश्चिम रेल के लाइन क्रॉसिंग की समस्या खत्म होने से पश्चिम रेलवे की गाड़ियोंको जलगाँव स्टेशन से पास करने में कोई परेशानी नही रहेगी और उससे सूरत – भुसावल मार्ग पर आसानी से गाड़ियोंका परिचालन बढ़ाया जा सकेगा। जलगाँव के प्लेटफार्म और लाइन भी ब्लॉक नही रहेगी, उससे मैन लाइन पर भी ज्यादा सेवाएं चल पाएगी।

दैनिक भास्कर, सूरत से साभार
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