12924 / 12923 नागपुर इन्दौर नागपुर और 19306 / 19305 कामाख्या इन्दौर कामाख्या एक्सप्रेस इन्दौर के जगह डॉ बाबासाहेब अंबेडकर नगर महू तक जाएगी और वहींसे शुरू होगी।
यह इन्दौर स्टेशन का टर्मिनल रश कम करने के लिए पश्चिम रेलवे का उठाया गया कदम है जो यात्रिओंके हित मे है। यात्रिओंको अब इन्दौर के बजाए महू तक यात्रा करते आएगी।
हमारा आग्रह सभी क्षेत्रीय रेल्वेसे है, की वह भी किसी बड़े स्टेशन के पहले लम्बी दूरी की गाड़ी को टर्मिनेट करने के बजाए उसे उसके पार कराकर आगे वाले छोटे और उनकी सुविधानुसार के स्टेशन पर टर्मिनेट करे। हाल ही में जबलपुर टर्मिनेट होने वाली 5 जोड़ी गाड़ियोंके टर्मिनल जबलपुर स्टेशन को पार कराके आगेवाले मदनमहाल स्टेशन पर टर्मिनेट किया जा रहा है।
जब पुणे में हड़पसर टर्मिनल हो जाएगा तब मुम्बईसे आने वाली गाड़ियोंको हड़पसर में टर्मिनेट किया जाए ताकी जो भी गाड़ियाँ हड़पसर में टर्मिनेट होंगी उंन्हे पुणे से चढ़ने उतरने की सुविधा मिल सके और इसी तरह दौंड से पुणे की ओर जानेवाली गाड़ियोंको हड़पसर में टर्मिनेट करने की बजाय पुणे से आगे शिवाजीनगर तक ले जा कर वहाँ टर्मिनेट किया जा सकता है।
यही पद्धति पटना वाराणसी स्टेशनोंपर भी उपयोग में लायी जा रही है। पटना स्टेशन के दोनों तरफ राजेंद्रनगर टर्मिनल, दानापुर और पाटलिपुत्र ऐसे टर्मिनल स्टेशन है, उसी तरह वाराणसी में मंडुआडीह, वाराणसी कैंट, वाराणसी सिटी ऐसे टर्मिनल विकसित किए गए है।
आशा है NWR में जोधपुर स्टेशन पार कर के गाड़ियाँ भगत की कोठी और दूसरी ओर रायका बाग पैलेस या महामंदिर जैसे स्टेशनों तक जाकर टर्मिनेट हो। यही स्थिति नागपुर में भी है। नागपुर के दोनों ओर अजनी और इतवारी ऐसे दो टर्मिनल है, हालांकि दोनों टर्मिनल अलग अलग झोन याने क्षेत्रीय रेलवे के है। लेकिन भारतीय रेलवे यात्रिओंकी सुविधा के बारेमे सोचे तो मध्य रेल की गाड़ियोंको अजनी के बजाए इतवारी और दक्षिण पूर्व मध्य रेल की इतवारी के बजाए अजनी को टर्मिनेट करें तो सभी यात्रिओंको नागपुर जैसे बड़े जंक्शन स्टेशन का लाभ मिल पाएगा।
