14 फरवरी से जो जो गाड़ियाँ मंकिहिल – कर्जत रेल ट्रैक के ब्लॉक की वजह से रद्द / आंशिक रद्द की गई थी वो अपने नियोजित मार्ग पर लौट रही है।
मुम्बई से पंढरपुर और विजयपुरा के बीच सवारी गाड़ी चलती है, जो मुम्बई से देर रात में निकल भोर में पुणे पोहोंचती है, उसी प्रकार देर रात पुणे से निकल अल सुबह मुम्बई टिका देती है। साथ ही कम दाम में विजयपुरा और पंढरपुर की सीधी कनेक्टिविटी वाली यह गाड़ी यात्रिओंमें बेहद पापुलर है। मुम्बई कोल्हापुर कोयना एक्सप्रेस भी पुणे और कोल्हापुर के बीच ही चल रही थी वह भी 5दिनांक 15 से मुम्बई तक जानेवाली है।
लेकिन पुणे – भुसावल – पुणे हुतात्मा एक्सप्रेस अपने निर्धारित मार्ग से फिलहाल नही चलेगी, उसे फिर से तारीख मिल गयी है। 20 फरवरी तक यह गाड़ी दौंड कॉर्ड लाइनसे होते हुए अहमदनगर, कोपरगाँव स्टेशनोंसे गुजरते हुए मनमाड़ जाएगी। नासिक, इगतपुरी, कल्याण, पनवेल, कर्जत, लोनावला नही जाएगी। उसके लिए 20 तारीख तक इंतजार करना होगा।
ट्वीस्ट अभी पूरा नही हुवा है। उपरोक्त सवारी गाड़ियाँ जो मुम्बई पंढरपुर / विजयपुरा के बीच चलती है, उनके कुछ डिब्बे दौंड में शंट होकर उसकी एक अलग शिर्डी जानेवाली सवारी गाड़ी बनती है। जो अहमदनगर, बेलापुर, शिर्डी और बीच के सारे छोटे स्टेशनोंको मुम्बई से जोड़ती है। वैसे भी अहमदनगर जिले को मुम्बई से, प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाली यह एकमात्र गाड़ी है। जिसके चलाये जाने के बारे में रेल प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।
यात्री यह सोच कर हैरान है, जब सारी गाड़ियाँ अपने मार्ग पर लौट सकती है तो भुसावल, नासिक वालोंकी हुतात्मा एक्सप्रेस क्यों नही और पंढ़रपुर / विजयपुरा सवारी गाड़ी चल पड़ी है तो शिर्डी वाली सवारी गाड़ी में कहाँ ओटकना लग गया? क्या दौंड में कराए जानेवाला शंटिंग तो इस के आड़े नही आ रहा?