दिनांक 21 मार्च की आधी रात से याने रेलवे समयानुसार 22 मार्च की 0.00 से सारी गाड़ियाँ बन्द की जा रही थी। उससे पहले जो मेल एक्सप्रेस अपनी यात्रा के लिए चल पड़ी थी, उसे अपने गन्तव्य तक जाना था, अपनी यात्रा पूरी करनी ही थी।
कोई गाड़ी 22 को तो कोई गाड़ी 23 तारीख तक अपनी यात्रा पूरी कर करा के रेलवे के यार्डों में लम्बी छुट्टी पर चली गयी। लेकिन एक गाड़ी थी जो चलती जा रही थी और चलती ही जा रही थी।
यह गाड़ी थी, देश की सबसे लंबी चलनेवाली गाड़ी विवेक एक्सप्रेस। 15906 डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के लिए चलने वाली विवेक एक्सप्रेस। दिनांक 21, शनिवार को रात 11 बजे डिब्रूगढ़ से चली यह गाड़ी अपनी 4205 किलोमीटर की रेल यात्रा, 60 स्टेशनोके स्टोपेजेस लेते हुए आज दिनांक 25 को सुबह 9.36 को रेग्युलर समय 9:55 से पहले ही पहुंच गई।
इस बन्द के दौरान भी रेलवे प्रशासन अपने वादे के अनुसार, जो भी गाड़ियाँ रास्ते मे चल पड़ी थी, उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध था। अपनी पूरी यात्रा के दौरान इस गाड़ीमे यात्रिओंकी उपस्थिति लगभग 50% थी और बिना किसी तकलीफ या परेशानी के, यात्रिओंने अपना रेल सफर सुरक्षितता के साथ पूरा किया।


