लॉक डाउन की घोषित मियाद पूरी होने को बस चन्द घंटे बचे है। कल सुबह 10 बजे हमारे प्रधानमंत्री इस विषय को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा करनेवाले है।
मित्रों, आप सभी लोगोंके मन मे हलचल मची हुई है, लॉक डाउन बढ़ेगा, खत्म होगा या आंशिक स्वरूप में रहेगा? रेलगाड़ियोंका क्या होगा, शुरू हो जाएगी या अभी नही होगी? नही हुई तो फिर कब होगी और शुरू हो गयी तो कुछ ही गाड़ियाँ चलेगी? गाडीके अन्दर कितने यात्री यात्रा कर पाएंगे? सवाल, सवाल और सवाल। यह सब ढेर सारे सवाल और तमाम उल्टी सीधी बातें हमारे चैनलों, वेबसाइटस और वॉट्सऐप पर चर्चाओं आम लोगोंके मन मे निर्माण कर दिए है।
सबसे पहले आप सोचिए, यदि आपको पता चलता है की 15 तारीख से गाड़ियाँ शुरू होने जा रही है, तो आपका क्या प्लान है? घूमने जाना है? रिश्तेदारों के यहाँ जाना है या व्यापार व्यवसाय करने निकल पड़ना है? हमारे ख्याल से कई सारे कारण है जो आपको रेल में यात्रा करने के लिए मजबूर कर रहे हो ऐसे वास्तविकता है ही नही। समझिए की लॉकडाउन खत्म किया जाता है तो भी ऐसा कोई कारण नही की आप रेल में बैठने दौड़ पड़ेंगे। कारखाने, दफ़्तर शुरू किए गए तो भी व्यापार व्यवसाइयों का काम फोन पर होता रहेगा।
सबसे पहले जरूरत होगी मजदूर, श्रमिक, वेतनभोगी कर्मचारियोंकी और इन्हे जरूरत होगी सबअर्बन गाड़ियोंकी या शार्ट डिस्टेन्स चलनेवाली गाड़ियोंकी। अब इन लोगोंका वर्गीकरण कर के, जरूरत के हिसाब से, परिचयपत्र के साथ, इनको रेलोंमें एन्ट्री दी जा सकती है। जितने भी कर्मचारी, मजदूर, श्रमिक है उनके लिए उनके कारखानों, दफ्तरोंसे सम्मतिपत्र के आधार पर अनुमतिपत्र जारी कर उंन्हे रेल की पास के साथ यात्रा करने दी जा सकती है। साथ ही यही व्यवस्था जरूरतमंद यात्रिओंके लिए भी की जा सकती है। याने अपनी यात्रा करने के उचित कारण हो तो ही रेल में यात्रा करनी चाहिए।
कुछ दिनोंके बाद स्थानीय यातायात अनुशासन में चलती देख लम्बी दूरी की गाड़ियाँ भी स्पेशल शेड्यूल के साथ शुरू कराई जा सकती है। इन गाड़ियोंकी घोषणा उनके विशेष शेड्यूल से केवल 24 से 48 घंटे पहले की जानी चाहिए। गाड़ी में यात्रा करने के लिए यात्री को भारत सरकारका “आरोग्यसेतु” एप्लिकेशन, रेल यात्रा की विशेष अनुमतिपत्र जो किसी राजपत्रित अधिकार में जारी किया गया हो के साथ ही आवश्यक किया जाना चाहिए। खैर, हमारे विचार है और इसके पीछे आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य की चिंता है।
लॉकडाउन हटाया गया या आँशिंक स्वरूप में रहा तो भी संक्रमण रोकने के लिए जितने भी नियम और एहतियात हमको बरतने है उनको आगे भी कायम रखते हुए ही सब कामकाज, ड्यूटी, व्यवसाय, व्यापार हमे करना होगा। घरसे निकलना है तो बिना उचित कारण के नही निकलना है और निकलना ही पड़े तो यात्रा चाहे रिक्शा, टैक्सी, बस या रेलगाड़ी, हवाईजहाज की क्यों न हो पूरा पूरा संयम, सावधानी सुरक्षा और कड़ा अनुशासन ही हमे संक्रमण से बचाए रख सकता है इसका ध्यान हमे रखना है।
अब हम यह सोचते है, कितना सुन्दर दृश्य होगा की हमारे देश के सारे पहिए चल पड़ेंगे। फिर वह रेल के हो या बसोंके, टैक्सी के हो या कारखानोंकी मशीनोंके। सारे भारतीय मजदूर, श्रमिक, कर्मचारी, व्यवसायी, व्यापारी, अफ़सर सभी अपनी अपनी सुरक्षा कायम रखते हुए, एकदूसरे को सहकार्य करते हुए अनुशासन कायम रख अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे है।