12 मई से 15 जोड़ी राजधानी स्पेशल शुरू हो गयी थी और 1 जुन से 100 जोड़ी मेल / एक्सप्रेस और सुपरफास्ट गाड़ियाँ शुरू होने जा रही है। इसी बीच आपके मन मे कुछ शंकाए होगी उसका समाधान करने का प्रयत्न करते है।
कुल 230 गाड़ियाँ 1/2 जून से चलना शुरू हो जाएगी। रेल प्रशासन ने अपनी सारी व्यवस्थाएं नॉर्मल करवा दी है। PRS बुकिंग काऊंटर्स शुरू हो गए है, जिसमे बुकिंग्ज के साथ साथ रिफण्डस भी शुरू कर दिए गए है।
टिकट बुकिंग्ज शुरवात में केवल ई-टिकट स्वरूप में ही की जा रही थी और ARP एडवांस रिजर्वेशन पीरियड भी 7 दिनोंका, फिर 30 दिनोंका था, जिसे 31 मई से बढाकर 120 दिनोंका किया जा रहा है। सभी तरह के टिकट बुकिंग व्यवस्था में दिनांक 31 मई से तत्काल और करन्ट बुकिंग भी शुरू की जा रही है। साथ ही जितने तरह तरह के कोटे ट्रेनें बन्द किए जाने के पहले शुरू थे वह सभी 1 जून से उपलब्ध रहेंगे। गाड़ियोंमे पार्सल और लगेज बुकिंग्ज भी यथावत की जाएगी।
अब आपके मन मे यह शंका होंगी, सब नॉर्मल किया जा रहा है, गाड़ियोंके स्टापेजेस, नाम भी पुराने रेग्युलर ही है तो गाड़ियाँ 0 नम्बरसे क्यों चलाई जा रही है? उनका स्टेटस स्पेशल क्यों है। तो इसकी वजह है। सभी गाड़ियाँ जो रेलवे की समयसारिणी में दर्ज थी वह पूरी की पूरी शुरू नही की जा रही है। लिमिटेड ऑपरेशन्स के तहत काम चल रहा है। कई सारी सवारी गाड़ियाँ, मेल एक्सप्रेस और सुपरफास्ट, लोकल सबअर्बन और मेट्रो गाड़ियाँ अभी भी बन्द है, चलाई नही जा रही है। ऐसी स्थिति में हर बार, प्रत्येक गाडीकी अलग अलग नोटिफिकेशन निकाल कर वह गाड़ी इतने दिन बन्द रहेगी या फलाँ गाड़ी रेग्युलर मार्ग से नही जाएगी ऐसा करना न सिर्फ अनुचित रहता बल्कि यात्रिओंकी भी असमंजस अवस्था बढ़ती ही थी। बेहतरी यही थी की जितनी भी गाड़ियाँ चले वो भले ही रेग्युलर शेड्यूल में चले पर लिस्ट में दिखेगी स्पेशल ट्रेन्स ही।
दूसरा टिकट बुकिंग की पद्धति नॉर्मल व्यवस्था से अलग करना था। चूँकि जनरल सेकन्ड क्लास को कन्वर्ट करा के आरक्षित सेकन्ड क्लास करना था। गाड़ियोंके चार्टिंग पैटर्न भी बदले गए, रेग्युलर कोर्स में गाड़ी छूटने के समय से 4 घंटे पहले फर्स्ट चार्टिंग और 30 मिनट पहले फाइनल चार्टिंग की पद्धति थी जिसे बदल कर फर्स्ट चार्टिंग यथावत 4 घंटे पहले और फाइनल चार्टिंग 30 मिनट की बजाय 2 घंटे पहले की गई और केवल कन्फर्म्ड टिकटधारी यात्री को ही यात्रा करने की अनुमति है। एक्स्ट्रा समय यात्रिओंकी स्क्रीनिंग के लिए और यात्रिओंको भी शेड्यूल डिपार्चर समय से डेढ़ घंटा पहले स्टेशन पोहोंचना आवश्यक जो किया गया है उसके लिए जरूरी था।
इस व्यवस्था में गाड़ियाँ भले ही स्पेशल की गई है लेकिन किराया स्पेशल गाड़ियोंको लिया जाता है, उस प्रकार से नही, रेग्युलर और नॉर्मल ही लिया जा रहा है। अभी भी दिव्यांग और मरीजोंके टिकटोंके किरायोंमे रियायत के अलावा सारी रियायतें रद्द की गई है। प्लेटफॉर्म्स पर सारे स्टॉल्स फिर वह बुक स्टॉल, फ्रूट स्टॉल, मेडिकल और जनरल स्टाल्स या खान- पान के स्टॉल्स भी यात्रिओंको असुविधा ना हो इस लिए खोले जा चुके है। प्लेटफॉर्म्स के रेस्टोरेंट में “पे एंड पिक” याने खाने के पैकेट खरीद कर ले जाने की व्यवस्था की गई है, यात्रिओंको वहाँ पर बैठकर खाना खाने की अनुमति नही है।
आशा है, की आपको स्पेशल गाड़ियाँ चलाए जाने की वजह समझ आ गयी होंगी। जैसे जैसे संक्रमण की वजह से लगाए गए बन्धन कम होंगे और बाकी बची गाड़ियाँ भी शुरू की जाएगी वैसे वैसे रेल प्रशासन और भी अपने नियमोंको सामान्य करती चली जाएगी।

