लॉक डाउन के अनलॉक का दौर शुरू हो चुका है। 30 राजधानी गाड़ियाँ और 200 इतर मेल एक्सप्रेस यात्री सेवाएं शुरू हो चुकी है। इसके बावजूद यात्रिओंके मन मे सवाल है, आखिर रेलवे पूर्णतयः सामान्य कब हो रही है, सभी ट्रेनें कब तक पटरी पर आ जाएगी?
हाल ही में रेल प्रशासन ने अपनी 230 गाड़ियोंका जायजा लिया। उन में भी जून, जुलाई की काफी जगह खाली जा रही है और यात्रिओंकी ट्रैफिक भी करीबन एक तरफा ही चल रही है। अमूमन सारे श्रमिक जिनको अपने घर लौटने की इच्छा थी, लौट चुके है। राज्योंसे भी श्रमिक गाड़ियोंकी डिमान्ड लगभग न के बराबर है। जहाँ पर भी जरूरत होगी, रेल प्रशासन ने श्रमिक स्पेशल छोड़े जाने की तैयारी कर रखी है।
चूँकि अनलॉक की स्थितियोंमे कामकाज शुरू हो रहा है, तो बड़े शहरोंमें उपनगरीय गाड़ियोंकी माँग की जा रही है। मुम्बई में मध्य रेल की 200 और पश्चिम रेलवे की करीबन 73 सेवांए बहाल की जा चुकी है। हालांकि यह सेवाए भी राज्य सरकार नामित कर्मचारियोंके लिए सीमित की गई है। किसी अन्य यात्रिओंको इन सेवाओं का उपयोग करने की अनुमति नही है।
रही बात यात्री सेवाएं बढाने की तो यात्रिओंकी जो एक तरफा ट्रैफिक का हुजूम चल रहा था वह भी अब थमने लगा है। जून, जुलाई में कई गाड़ियाँ खाली चल रही है। कुछ खास गन्तव्योंके लिए यात्रिओंकी मांग और प्रतीक्षा सूची दिखाई पड़ रही है वहाँपर रेल प्रशासन यात्री गाड़ियोंकी अतिरिक्त सेवाएं दे सकते है। लेकिन फिलहाल तो सभी सेवाएं शुरू किए जाने का कोई आसार नज़र नही आ रहा है। जहाँतक उपनगरीय सेवाओंका सवाल है, वह यात्रिओंकी और बड़े शहरों की मांग के अनुसार बढ़ाए जाने का वादा रेल प्रशासन ने किया है।