रेल प्रशासन ने अपने सभी 18 क्षेत्रीय रेलवे के कार्यालयोंको यह सूचित किया है की वह अपने क्षेत्र में जो भी सवारी गाड़ियाँ, डेमू, मेमू ट्रेन्स 200 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करती है उन्हें तत्काल प्रभाव से एक्सप्रेस श्रेणी में परावर्तित करें। साथ ही ऐसी गाड़ियोंकी लिस्ट भी उन्होंने जारी कर दी है। यदि ऐसी गाड़ियोंके स्टापेजेस कम किए जा सकते हो तो उन्हे भी बन्द किए जाने की सूचना दी गयी है।
मध्य रेल की 33, पूर्व तटीय रेलवे की 20, पूर्व मध्य रेलवे की 12, पूर्व रेलवे की 30, कोंकण रेलवे की 6, उत्तर मध्य रेलवे की 28, उत्तर पूर्व रेलवे की 16, पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे की 20, उत्तर रेलवे की 49, उत्तर पश्चिम रेलवे की 52, दक्षिण मध्य रेलवे की 62, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की 18, दक्षिण पूर्व रेलवे की 20, दक्षिण रेलवे की 34, दक्षिण पश्चिम रेलवे की 38, पश्चिम मध्य रेलवे की 32, और पश्चिम रेलवे की 38 गाड़ियाँ नामित की गई है। यह कुल 508 सवारी गाड़ियाँ है।
इतनी गाड़ियोंको एक्सप्रेस में परावर्तित किया जाना रेलवे के इतिहास में एक अलग नई शुरुआत, क्रांतिकारी और साहसिक कदम साबित होने जा रहा है। इसके बाद 200 किलोमीटर से कम चलनेवाली गाड़ियाँ उपनगरीय गाड़ियोंकी श्रेणी में गिने जाने की संभावना लग रही है। इससे न सिर्फ रेलवे का राजस्व बढ़ेगा बल्कि गाड़ियोंके परिचालन में भी तेजी आ जाएगी। यात्रिओंके दृष्टि से देखा जाए तो उनकी जेब पर तगड़ी मार पड़ने वाली है। जहाँ सवारी गाड़ियोंके यात्री किराए मात्र 30 – 50 पैसे प्रति किलोमीटर देने पड़ते थे जो बढ़कर तिगुने तक बढ़ जाएंगे। फायदे की नजर में तौलते है, तो यात्री को यात्रा के समय मे कटौती, ज्यादा गाड़ियाँ और आरक्षण सुविधा यह दिखाई पड़ता है।
चलिए पहले लिस्ट देख लेते है,












