आज भारतीय रेल अपनी गाड़ियोंकी गति बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहा है। उन्नत रेल मार्ग, रोलिंग स्टॉक याने डिब्बे, लोको, आधुनिक सिग्नल प्रणाली के चलते यह सम्भव हो रहा है। इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण भूमिका रेल मार्गोंका विद्युतीकरण की भी है।
भारतीय रेलवे में विद्युतीकरण का इतिहास करीबन 95 वर्ष पुराना है। सन 1925 में भारत मे रेलवे इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की शुरुवात हुई। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से यातायात करना यह पर्यावरणपुरक है। रेलवे में विद्युतीकरण ईंधन की बचत और पर्यावरण की सुरक्षा यह मुख्य उद्देश्य है। आने वाले 4 वर्षोंमें रेलवे ने अपनी सभी बड़ी लाइनोंको विद्युतीकरण से लैस करने का लक्ष्य रखा है।
1925 से शुरू हुई यह विद्युतीकरण की रेलवे यातायात 1500 वोल्ट डायरेक्ट करन्ट याने DC से चलती थी। मुम्बई से पुणे और मुम्बई से इगतपुरी ऐसे दो मार्गोपर यह ट्रैक्शन था। 1957 में रेलवे ने DC विद्युतीकरण के बजाय 25 केवी इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर काम करना शुरू किया और 1 अप्रैल 2020 तक भारतीय रेलवे का 39866 किलोमीटर मार्गका विद्युतीकरण हो चुका है। हमारे पास दो चार्ट है, पहला रेलवे का राज्यनिहाय विद्युतीकरण और दूसरा क्षेत्रीय रेलवे के अनुसार विद्युतीकरण। आइए देखते है। यह चार्ट्स भारतीय रेल की वेबसाइट से लिए गए है।

