रेलवे हम भारतियोंकी “नॅशनल ट्रांसपोर्टर” है। हमारे देश मे यातायात के लिए रेल को अद्यतन क्रम दिया जाता है। सड़क परिवहन से तेज, किफायती और आरामदायक। देश के कोने कोने तक अपनी पहुंच बनाए रखनेवाला हमारा सच्चा राष्ट्रीय परिवहन।
जब भी कोई आपदा, संकट खड़ा हो, युद्ध जन्य स्थितियाँ हो तो रेलवे अपने दल बल के साथ एक योद्धा की तरह जुट जाती है। इस संक्रमण के लॉक डाउन काल मे रेलवे हजारों टन माल की सप्लाई अलग अलग जगहोंपर की। हमारे श्रमिक भाइयोंको उनके गांव, घर पोहोंचने जैसे ही जरूरत हो गाड़ियाँ छोड़ते चले गए। श्रमिकोंको न सर्फ रेल में यात्रा करने की सुविधा थी बल्कि उनके खानपान का उचित प्रबन्धन भी रेल प्रशासन ने बखूबिसे निभाया। इतनी सारी व्यवस्थामे श्रमिकोंके बालगोपालोंको कैसे भुला जा सकता था?
दक्षिण पश्चिम रेलवे के बेंगालुरु डिवीजन से श्रमिक ट्रेनों में यात्रा करने वाले सैकड़ों बच्चों के चेहरोंपर मुस्कान खिलती रहनी चाहिए इसलिए उन्हें इस इलाके के प्रसिद्ध चनापट्टन खिलौने दे रहा है। ये खिलौने अशोक कुमार वर्मा, बेंगलुरू डिवीजन @drmsbc https://t.co/klw4b1WirA के मंडल प्रबंधक अशोक कुमार वर्मा द्वारा शुरू की गई “पुट द स्माइल बैक” पहल के तहत वितरित किए गए थे।



