
अरे भाई, मन्दिर? ना! तो मन्दिर का प्रवेशद्वार? नहीं, प्रवेशद्वार तो है, लेकिन मन्दिर का नही, एक सुरंग का।
यह सुरंग बन रही है मिज़ोरम में। नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे का नया रेल लाइन बिछाने का काम भैराबी – सैरंग खण्ड, मिज़ोरम में जारी है। उसी रेल खण्ड पर मौलखंग और सैरंग स्टेशन के बीच यह सुरंग बनाई गई है। वहाँ के स्थानिक कलाकृतियों को इस सुरंग के दोनों सिरे पर उकेरा गया है।

कहते है न, उद्योग, आधारभूत संरचनाए याने इंफ्रास्ट्रक्चर, हमारे मेगा हाइवेज, यह लम्बे देश को जोड़ने वाली रेल लाइनें, बड़े बड़े पुल, लम्बी सुरंगे यही तो आधुनिक जगत के देवालय, पूजास्थल है। यह हमारे सुनहरे भविष्य के सुनहरे पट है, जो अब तेजी से खुलते जा रहे है।