09801/09802 नागदा कोटा नागदा डेली इण्टरसिटी स्पेशल दिनांक 23 से कोटा से शुरू की जा रही है। इस गाड़ी में 9 सेकन्ड सिटिंग, 3 सेकन्ड क्लास चेयर कार और 2 SLR ऐसे कुल 14 कोचेस रहेंगे। यह गाड़ी कोटासे सुबह 7:30 को चल कर नागदा 11:35 पर पोहोचेगी, वापसी में नागदा से 15:00 को निकल शाम 19:00 को कोटा पोहोंच जाएगी। कोटा से नागदा के बीच, यह गाड़ी डाकनिया तालाब, दारा, मोरक, रामगंज मण्डी, भवानी मण्डी, शामगढ़, सुवासरसवा, चाऊ महालाँ, विक्रमगड अलोट, माहिदपुर रोड़ और नागदा पर रुकेगी।
गौरतलब यह है, नागदा से केवल 45 किलोमीटर पर पश्चिम रेलवे का विभागीय मुख्यालय रतलाम जंक्शन है। यह गाड़ी कोटा – नागदा के बीच चलाने के बजाय रतलाम तक आसानी से लाई जा सकती थी। रतलाम के यात्रिओंकी मांग भी थी लेकिन रेल प्रशासन ने इन मांगोंको बिल्कुल ही नजरअंदाज कर दिया। रतलाम के यात्रिओंकी कई मांगे है, इस संक्रमण काल मे, रतलाम – इन्दौर के बीच कोई भी सेवा नही चल रही है, अतः रतलाम – महू वाया बड़नगर डेली शटल सेवा के चारों फेरे जल्द शुरू किए जाए।
रतलाम पश्चिम रेलवे का एक महत्वपूर्ण विभागीय मुख्यालय होते हुए भी देश से चौतरफा सम्पर्क के मामलोनमे काफी उपेक्षित है। देश मे कहीं भी जाना है तो रतलाम वासियोंको आसपास के जंक्शन्स की ओर रुख करना पड़ता है। कोई ट्रेन्स है भी तो वह सप्ताहिक ट्रेनें है। ऐसी अवस्था मे रतलाम यदि रेलवे का विभागीय मुख्यालय होने का क्या लाभ? यहांकी जनता में पश्चिम रेलवे की बेदखली रवैय्ये प्रति घनघोर निराशा है। तमाम यात्री संगठन अपने माँगोंकी फेहरिस्त लेकर सांसदों, मंत्रीगणों और अफ़सरोंतक गुहार लगाते रहे है लेकिन हमेशा की तरह उनकी माँगोंपर क्वचित ही सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है। इन्दौर के सांसद, रतलामवासियोंकी माँगोंकी लिस्ट, अजमेर इन्दौर वाया रतलाम और जयपुर तिरुपति वाया रतलाम, इन्दौर की मांग रेलमंत्री तक पहुंचाए है। वैसे रतलामवासियोंकी गाड़ियोंकी मांग काफी लम्बी और लम्बित है। आशा है, इन्दौर सांसद के ही जरिए हो, लेकिन रतलाम की कुछ तो मांगे आगे बढ़े।
