यह जरूरी भी था। तमाम रेल संगठन, इन क्षत्रोंके सम्बन्धित रेल यात्री, व्यापारी, व्यवसायिक इनकी सारी पीड़ा आज सदन के सत्र में अमरावती की सांसद नवनीत राणा के स्वर में गूँजी।
वर्षोंसे गेज कन्वर्शन के नाम पर महू – खण्डवा, खण्डवा – अकोला, मूर्तिजापुर – अचलपुर – यवतमाल ये रेल ट्रैक बन्द किए जा चुके है। जब गेज कन्वर्शन की घोषणा हुई तो इस क्षेत्र के जनता में एक खुशी की लहर छा गयी थी। कहीं लम्बी रेल यात्रा के लिए गाड़ी बदलना जो बन्द होने वाला था। इन क्षेत्रोंसे गेज कन्वर्शन के बाद बड़ी लाइन की लम्बी दूरी की गाड़ियोंके सपने पूरे होने वाले थे। लेकिन सारा गेज कन्वर्शन पटरियाँ उखाड़ने तक ही सीमित रह गया। जो मीटर गेज, नैरो गेज की गाड़ियाँ चल रही थी वह तो गयी ही, और पता नही बड़ी लाइन की गाड़ियोंके लिए कितने वर्ष का इंतजार और करना बाकी है।
अकोला से आकोट का 44 किलोमीटर का गेज कन्वर्शन हाल ही में हुवा है। लेकिन आकोट से खण्डवा के गेज कन्वर्शन एक ट्वीस्ट आ गया, मेलघाट बाघ परियोजना को संवर्धित रखने का, और यह ट्वीस्ट आया है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओरसे। इसके लिए पर्यायी मार्ग का प्रस्ताव रखा गया है, जो की इस गेज कन्वर्शन को कई वर्षोंके लिए पीछे ढकेल देगा ऐसा इस क्षेत्र की जनता और रेलवे एक्टिविस्ट लोगोंका मानना है। दूसरी ओर मूर्तिजापुर – अचलपुर – यवतमाल नैरो गेज लाइन भी वर्षोंसे उखड़ी पड़ी है और इस पर चलनेवाली शकुंतला एक्सप्रेस विजनवास में समा गयी है।
आज लोकसभा मे इन बन्द पड़े गेज कन्वर्शन पर अमरावती की सांसद ने प्रश्न उठाया है और इससे बड़ी अचरज़ और हताशा की बात क्या होगी की आखिर मे उन्होंने यह तक कह दिया कि आप इन रेल मार्गोंको पूर्णत्व तक नही पोहोंचा रहे है तो जैसे है या जैसे थे उसी अवस्था मे फिर से यात्रिओंको उपलब्ध करा दीजिए। देखिए, किस कदर यहां की जनता आक्रोशित है। आशा है, जल्द ही कुछ हलचल हो और यह परियोजना पर अच्छी ख़बर सुनने को मिले।