मित्रों आपको तो ज्ञात होगा, 12 मई से भारतीय रेलवे में यह सिलसिला शुरू हुवा है। जी हाँ, स्पेशल ट्रेन्स, विशेष गाड़ियाँ चलाने का सिलसिला। 12 मई को 30 राजधानी स्पेशल से शुरू किया गया सिलसिला आए दिन एक नया परीपत्रक रेलवे की ओरसे जारी होते होते करीबन 500 से भी ज्यादा गाड़ियोंका हो गया है।
गाड़ियाँ वही है, डिब्बे वहीं है, किराए भी वही है और यात्री भी वे की वे लेकिन गाड़ियाँ बन गयी है स्पेशल। राजधानी, दुरन्तो, गरीबरथ, हमसफ़र, मेल, एक्सप्रेस सारी की सारी स्पेशल। अब आप बोलोगे की जनाब, फिर मायाजाल कैसा? क्यों न बोले इसको मायाजाल? इतनी गाड़ियाँ चल पड़ी है पर है कोई समयसारणी? किसी भी बड़े से बड़े स्टेशनोंपर चले जाइए, आपको कहीं पर भी इन स्पेशल गाड़ियोंकी अद्ययावत लिस्ट दिखाई नही देगी। अब स्टेशनोंकी पूछताछ विंडोपर चले जाइए, और जरा पूछिए, फलाँ गाँव जाने के लिए कब और कौनसी गाड़ी है? हमारा दावा है, आपको उचित जानकारी वहाँ का बन्दा नही दे पाएगा। इसका कारण ऐसे है, की उसके पास ही जानकारी उपलब्ध नही होगी। वह अपने कम्प्यूटर में झांकेगा, बटनोंपर हाथ फिराएगा, फिर कुछ बताएगा जिससे आप का संतुष्टि होना मुश्किल है।
इसका प्रमुख कारण है, गाड़ियोंके शेड्यूल्स की संहिता की फिजिकल उपलब्धि न होना, हर चीज मौजूद है मगर ऑनलाईन। आप खुद ही इसे ऑनलाइन, आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर चेक कर सकते है, बशर्ते आप को इंटरनेट चलाने का ज्ञान हो, और वेबसाइट खंगालनी आती हो। अब आप आभासी, व्हर्च्युअल ज्ञानगंगा को, इंटरनेट के देवलोक से अपने मोबाइल, लैपटॉप या कम्प्यूटर में अवतरीत करा पाने वाले भगीरथ हो तो ही इस जमाने मे विचरण करने लायक हो। हर चीज का लिखित डॉक्यूमेंट की इच्छा रखते हो तो भाईसाहब, आप का भविष्य बड़ा ही कठिन है, ख़तरे में है। भारतीय रेलवे बीते 6 महिनेसे इसी तर्ज पर अपना काम चला रही है। स्टेशनोंपर लगे समयसारणी के बड़े बड़े तखतें बेकार है, क्योंकी एकभी नियमित गाड़ी नही चल रही है। स्पेशल गाड़ियोंकी संक्षिप्त सूची कही पर भी उपलब्ध नही है।
माना की, संक्रमण काल मे रेल प्रशासन को कई अनियमितताओंका सामना करना था या अब भी कर ही रही है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े रेल यातायात में पांचवे स्थान पर रहने वाली भारतीय रेल के लिए यह बात कतई गौरवपूर्ण नही है, की विगत छह महीनोंसे उनकी तमाम यात्री गाड़ियाँ बिना किसी स्थायी समयसारणी के चल रही है। हम रेल प्रशासन से आग्रह करते है, की स्पेशल गाड़ियोंके, इस भ्रमीत करने वाले मायाजाल को दूर करे, हटाए और अपनी नियमित सेवाओंको शुरू करे।