गोंदिया – जबलपुर नैरो गेज का ब्रॉड गेज में कन्वर्शन और विद्युतीकरण करने का काम पूरा हो गया है और आज इसका CRS निरीक्षण होने जा रहा है। यह निरीक्षण सफल होने के बाद हो सकता की नवम्बर में इस खण्ड़ का लोकार्पण हो कर नई गाड़ियाँ चलने लगे।
जबलपुर – गोंदिया खण्ड 229 किलोमीटर का है, इसके गेज कन्वर्शन से नागपुर जबलपुर अंतर जो की इटारसी होकर 543 किलोमीटर है, घटकर 360 किलोमीटर रह जाएगा। कमसे कम 3 घंटे समयकी बचत होगी। साथ ही इटारसी स्टेशनपर और नई दिल्ली – चेन्नई ग्रैंड ट्रंक मार्ग का अवरुद्ध होने में भी कमी आएगी।
जबलपुर – गोंदिया और गोंदिया – बल्हारशहा इन दोनों रेल खण्ड़ को जोड़ कर देखा जाए तो उत्तर से दक्षिण रेल सम्पर्क में 232 किलोमीटर की कमी आने वाली है। नियमित समयसारणी में लगभग 13 गाड़ियाँ जबलपुर से बल्हारशहा के बीच इटारसी, नागपुर होकर चलती है, जिसमे दानापुर सिकन्दराबाद, गया चेन्नई, मंडुवाडीह रामेश्वरम, पटना एर्नाकुलम, लखनऊ यशवंतपुर, जबलपुर यशवंतपुर, पटना सिकन्दराबाद जैसी सुपरफास्ट गाड़ियाँ है। यदि यह गाड़ियाँ जबलपुर से गोंदिया होकर बल्हारशहा निकले तो यात्रिओंका न सिर्फ समय बचेगा बल्की किरायोंमे में भी कमी आएगी और रेलवे का ईंधन बचेगा, एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा।
बरसों पहले गोंदिया – जबलपुर छोटी लाइनपर सतपुड़ा एक्सप्रेस चलती थी, जो यहांके यात्रिओंमें काफी लोकप्रिय थी। यह गाड़ी गोंदिया जबलपुर के बीच ओवरनाइट कनेक्टिविटी देती थी। हजारों यात्री इलाहाबाद, वाराणसी और सुदूर उत्तरी भारत की यात्रा करने इस रेल मार्ग का इस्तेमाल करते आ रहे थे। इस मार्ग पर लौह, तांबा, मैगेनीज की खदानें भी बहुतायत में है, जिन पर गुड्स ट्रैफिक भी सीधा चलना शुरू हो जाएगा। मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला भी मुख्य रेल मार्ग से जुड़ जाएगा।
वैसे टाइम टेबल कमिटी की बैठक में इस मार्ग पर इतवारी रेवा एक्सप्रेस प्रतिदिन चलाए जाने की घोषणा पहले ही हो चुकी है। मुख्य मार्ग की कौनसी गाड़ियाँ मार्ग परावर्तित हो कर इस मार्ग पर चलेंगी इसकी काफी उत्सुकता इस मार्ग के यात्रिओंको है।





