शून्याधारित समयसारणी के तहत रेल प्रशासन अपने कार्यकलापों में अमूलचूल बदलाव लाने का प्रयत्न कर रहा है। इसमें जिन स्टेशनोंपर यात्री प्रतिक्रिया नही है, ऐसे स्टापेजेस रद्द किए जाएंगे। ऐसी स्थिति में सबसे पहले बदलाव सवारी गाड़ियोंमे आता है। स्टापेजेस कम करके, स्पीड बढाकर, यात्रिओंके अनुकूल समयसारणी रख उन्हें एक्सप्रेस में परावर्तित किया जा रहा है। इससे न सिर्फ रेलवे का परिचालन सुधरेगा बल्कि राजस्व भी बढ़ेगा।
रेलवे के तमाम क्षेत्रों ने अपने अपने विभाग से ऐसी सवारी गाड़ियोंकी सूची बना ली है। समय समय पर सोशल मीडिया में इस बारे मे काफी चर्चा और वादविवाद भी हुए है। आज उत्तर रेलवे की एक सूची आयी है, जिसमे उन्होंने 10 जोड़ी सवारी गाड़ियोंको एक्सप्रेस में नामित किया है। यह पत्र कार्यालयीन है, अतः इन गाड़ियोंको यात्रिओंके लिए कब शुरू की जाएगी इसका जिक्र नही है। देरसवेर उत्तर रेलवे का इस विषयपर परीपत्रक जारी जरूर होगा, तब पता चलेगा की गाड़ियाँ शुरू कब की जा रही है। फिलहाल आप सवारी से एक्सप्रेस की तब्दीलियाँ समझ लीजिए।

