हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने कल एक रेल लाइन का उद्धाटन किया। यह कोई आम रेल लाइन या नियमित रेलवे का भाग नही था, यह विशेष तौर पर बनाई गई फ्रेट कॉरिडोर मालवहन गलियारे के एक भाग का उद्धाटन था।
मित्रों, रेल लाइनें, बड़े बड़े राजमार्ग, नदियाँ यह किसी भी देश की भाग्य रेखाएं कहलाती है। देश की अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए, उस देश की परिवाहन व्यवस्था का उसमे बड़ा सहयोग रहता है। इसीलिए जलमार्ग, सड़कें और रेल पटरियोंको हम देश की भाग्य रेखाएं कहते है। नदियाँ हमे प्राकृतिक तौर पर निसर्गसे मिलती है। सड़कें हमारी जरूरत के हिसाब से बनते जाती है, जैसे इन्सान किसी एक जगह से निर्धारित जगह जाने के लिए चल पड़ता है तो पगडण्डी बनती है, फिर जैसे जैसे जरूरत बढ़ती है वैसे वैसे उस पगडण्डी का रास्ता मार्ग, महामार्ग और 2 लेन, 4 लेन, 6 लेन बढ़ते चला जाता है। लेकिन रेल लाइनोंका वैसा नही होता। किसी विशिष्ट उद्देश्यों को सामने रख उन्हें बनाया जाता है। अब तक शहरों, पर्यटन स्थलों और व्यापार केन्द्रोंको मद्देनजर रखते हुए रेल मार्गोंका निर्माण हुवा। मालवहन के लिए विशेष मार्ग का निर्माण इन DFC मार्गोंसे शुरू किया जा रहा है।
फिलहाल देश मे WDFC और EDFC ऐसे रेलवे को दो माल परिवहन गलियारों का निर्माण किया जा रहा है। इन गलियारोंकी जानकारी और बहोत सारे तपशील, विवरण हम आपको हमारी पहली पोस्ट में दिए है। अतः और सारी डिटेल्स यहाँपर आज नही दे रहे है। आज इन दो गलियारोंमें से EDFC गलियारे के, न्यू भाऊपुर से न्यू खुर्जा, 351 किलोमीटर भाग पर रेल गाड़ियोंके दौड़ने की शुरुवात हो चुकी है। हमारे देश के लिए यह बेहद अहम और गौरवशाली क्षण है, आज इसका ही आनंद और उत्सव मनाते है। हमारी भाग्यरेखाएं खींची जा रही है।





