कुछ वर्षों पहले तक ऐसा कहा जाता था, की गंगासागर तीर्थ पर जीवन मे एक बार ही जाया जा सकता है। इसकी वजह इस तीर्थ की दुर्गमता थी। यह तीर्थ पश्चिम बंगाल के सुन्दरबन इलाके में पड़ता है। किसी जमाने मे बाघ, साँप, मगर ऐसे प्राणियों और जीवजन्तु से भरा यह भूभाग अब काफी सुगम हो गया है। पहले तीर्थयात्रिओंको सिर्फ इन जीवजन्तु से डर था बल्कि छूत की बीमारियाँ जैसे कॉलरा, टाइफाईड, मलेरिया आदि की चपेट में आने का खतरा था। कहते है, अब यह इलाका काफी सुधर गया है, लोकवस्ती, मोबाइल नेटवर्क भी काफी अच्छी हो गयी है।
गंगासागर जाने के लिए सीधी रेल सेवा तो नही है, लेकिन हावडा रेलवे स्टेशन इसके लिए उपयुक्त है। यहांसे आपको उपनगरीय गाड़ियाँ मिलती है, जिससे आप नामखाना या काकद्वीप जा सकते है। यहांसे आपको आपको फेरी बोट से मुरीगंगा नदी से होकर सागर द्वीप या गंगासागर पोंहचा जा सकता है।
गंगासागर तीर्थ में कपिल मुनि का मंदिर है और गंगा नदी का सागर संगम है। हावडा से नामखाना की उपनगरीय गाड़ियोंका टेबल यहाँपर दे रहे है।
