यह आखिर चल क्या रहा है? क्या किराया वसूलने का कोई तरीका, किराया तालिका, नियम कुछ है या मेरी मर्जी, कुछ लॉजिक तो बताए रेल प्रशासन।
आज से नागपुर पुणे के बीच एक वातानुकूलित स्पेशल गाड़ी शुरू की गई जिसका क्रमांक है 02114 और पुणे से नागपुर के लिए 02113 इस तरह है। रेल प्रशासन की ntes.gov.in यह वेबसाइट इसे गरीब रथ कहती है और यह है भी गरीब रथ के डिब्बों वाली गाड़ी, जिसमे साइड मिडल वाले बर्थ होते है। लेकिन इसके टिकट का किराया वातानुकूलित 3 टियर के नॉर्मल डिब्बों सा वसूला जा रहा है। ऐसा क्यों, क्या कोई इसका स्पष्टीकरण करेगा?

यदि रेलवे इसकी वजह संक्रमण काल मे सभी तरह की रियायतें बन्द की है अतः गरीब रथ के किराए भी रियायती नही हो सकते ऐसी दलील करती है तो क्या मध्य रेलवे के यात्रिओंको ही सारी रियायतें बन्द की गई है क्या, इसका उत्तर दीजिएगा। क्योंकि और भी गरीब रथ एक्सप्रेस भारतीय रेलवे के अंतर्गत चल रहे है। उदाहरण के लिए 02063/64 पूरी यशवंतपुर पूरी स्पेशल इसके 1500 किलोमीटर के अंतर के लिए भारतीय रेलवे के कमर्शियल सर्क्युलर नम्बर 65/2019 dt 31/12/2019 effective from 01/01/2020 के हिसाब से बेस फेयर 985 रुपए और अलग अलग चार्जेस मिलाकर कुल किराया पूरी से यशवंतपुर के लिए 1150 लग रहा है।
दूसरी गाड़ी है, 02187/88 जबलपुर मुम्बई जबलपुर गरीबरथ एक्सप्रेस। जबलपुर से मुम्बई का अंतर है 996 किलोमीटर और इसका बेस किराया है 766 रुपए, अन्य चार्जेस जोड़कर कुल किराया होता है 920 रुपए।


मगर 02113/14 पुणे नागपुर पुणे गरीबरथ का किराया देखिए। पुणे से नागपुर का अंतर है 891 किलोमीटर, बेस किराए 1110 रुपए अन्य चार्जेस मिलाकर कुल किराया 1255 रुपए। यदि इस किरायोंको गरीबरथ के बेस किराए से कलक्युलेट किया जाए तो 717 रुपए ही लगेंगे। अन्य चार्जेस में 40 रुपये आरक्षण, 45 रुपये सुपरफास्ट और gst के 40 रुपये कुल योग हुवा 845 रुपए मात्र और मध्य रेलवे वसूल रही है 1255 यानी 410 रुपए ज्यादा। बताइए यह कौनसा न्याय है?



इस तरह हम 02063/64 पुरी यशवंतपुर पुरी स्पेशल के भी किराए गरीबरथ के किराए चार्ट से ही वसूले जा रहे है इसका भी सबूत दे सकते है। लेकिन प्रश्न यह है भारतीय रेल में इस तरह का भेदाभेद क्यों किया जा रहा है? क्या मध्य रेलवे ही यात्रिओंके साथ नाइन्साफ़ी कर रही है?