रेलवे बजट 2021। हर क्षेत्र की अलग अलग आस, अलग अलग उम्मीद! बजट कोई भी, घर का छोटा सा या देश का व्यापक सबकी उम्मीदें टिकी रहती है। हमे क्या मिलेगा? क्या इस बार हमारी जरूरतें, अपेक्षाओंकी की पूर्ति के लिए धन रूपी ईंधन का आबंटन किया जाएगा? बजट याने सबके मन मे सवाल ही सवाल।
मित्रों, आजकल रेल और आम बजट साथ मे ही किए जाते है अतः अपनी आशाओं, अपेक्षाओंके लिए थोड़ा इंतजार अधिक बढ़ जाता है। एक मुश्त रकम रेल मंत्रालय की मांग के अनुसार सौंप दी जाती है, जिसे रेलवे के उच्च अधिकारी जरूरत के हिसाबसे अलग अलग क्षेत्रीय रेल्वेज के लिए घोषित करते है। अलग अलग स्तर पर बजट की निधि आगे सरकती है और फिर किसी विशिष्ट काम के लिए कितना धन मिलेगा यह समझता है। रेल मंत्रालय की कुछ ही दिनोंमें पिंक बुक आती है, तब ही जाकर पता चलेगा की किस क्षेत्र के लिए क्या निधि मिला है।
भारतीय रेल विकास की ओर अपने बढ़ते गति की तरह तेजी से चल रही है। बीते कुछ वर्षोंमें बहोत तेजी से बदलाव किए गये है और आनेवाले दिनोंमें भी यह चलते रहने वाले है। सम्पूर्ण विद्युतीकरण, समर्पित मालवहन गलियारे, आदर्श रेल ट्रैक जिसमे कोई रेल क्रॉसिंग न हो, न कोई बाधा आए, उन्नत रेल सामग्री जिसमे यात्री डिब्बे, माल डिब्बे, लोको, पटरी, सिग्नलिंग व्यवस्था आदि सारी चीजें आती है, अद्यतन सूची में है।
माना क़ी आम यात्री बजट में अपने क्षेत्र के रेल सम्पर्क पर ज्यादा ध्यान देता है। उसकी आशा, अपेक्षा वही तक ज्यादातर दौड़ लगाती है। पर जब सारा इन्फ्रास्ट्रक्चर, संसाधन सुधारा जा रहा हो तब निम्नतम स्तर तक साधनोंके बढ़ने की गुंजाइश तो बनेगी न?
मित्रों, ऐसे ही हमे रेल्वेज से बहोत सारी अपेक्षाएं है और संक्रमण काल के रेल बन्द के बाद आम यात्री को घुटने पर लाकर रख दिया है। वह तो अब उसे रेल गाड़ी में प्रवेश करने मिले इतनी मामूली सी अपेक्षा के स्तर तक आ गया है। बताइए, कहाँ बुलेट ट्रेन और कहाँ रेलवे परिसर में आने की अपेक्षा। यह उत्तम उदाहरण है की जरूरत के हिसाब से इन्सान की अपेक्षाएं कितनी और कैसे बदलते रहती है। और क्या भाष्य हो सकता है, रेलबजट पर? बस पोटली खुलने का इंतजार। ☺️