आजकल हमारी भारतीय रेल हाईटेक फीचर्स याने उच्च तंत्रज्ञान का उपयोग कर रही है। तमाम रेल गाड़ियाँ स्पेशल याने विशेष श्रेणी में चलाई जा रही है। कोई भी यात्री गाड़ी का पब्लिक टाइमटेबल छपा नही है। एक परीपत्रक जारी किया जाता है, अखबारोंमें खबर दी जाती है, फलाँ गाड़ी फलाँ क्रमांक से चलेगी। इसकी यह समयसारणी रहेगी। अब यात्री देखें और समझे की उसके बोर्डिंग स्टेशनपर कब आएगी, कहाँ रुकेगी और गन्तव्य पर कब पोहोचेंगी अथवा हाई टेक बन जाए, मोबाइल पर ऍप डाउन लोड करें और अपनी गाड़ी की समयसारणी समझ ले।
रेल प्रशासन कहता है, जो भी कोई बदलाव होता है, हम हमारे डेटा बेस से सभी यात्रिओंके मोबाईल फोन पर sms लघु संदेश भेज उन्हें सूचित और सचेत कर देते है की आपकी गाड़ी में यह बदलाव किया गया है। अब यह गाड़ी आपके स्टेशन से इस समयपर चलेगी। पर क्या रेल प्रशासन यह जानती है, उनके बुकिंग बाबू आरक्षण करते वक्त मोबाइल नम्बर फीड ही नही करते? ऐसी स्थिति में यात्री को कोई मैसेज नही मिलता और न ही रेल प्रशासन इसकी कोई जिम्मेदारी लेगी।

उपरोक्त ट्वीट देखिए, यात्री कह रहा है, उसकी गाड़ी समय से पहले ही छूट गयी और रेल प्रशासन कहता है, हमने यात्रिओंको बल्क लघु संदेश द्वारा सूचित किया था और आगे यह भी कहते है, असुविधा के लिए खेद है। अब कहाँ गड़बड़ झाला है, यह तो वह यात्री और उसका टिकट बुकिंग क्लर्क ही जाने। उसे sms मिला या नही यह भी पता नही। हाँ यदि वह स्मार्ट यात्री होता तो उसका टिकट ऑनलाइन बुकिंगवाला होता जिसमे मोबाईल नम्बर डालना आवश्यक है तब तो उसे sms बराबर भेजा गया होता और उसे पढ़ कर वह अपनी गाड़ी भी छूटने न देता।
लेकिन सबसे बड़ी तकलीफ यह विशेष श्रेणी की गाड़ियोंकी है। इन विशेष श्रेणी याने स्पेशल गाड़ियों का मतलब समझते है आप? यह गाड़ियाँ शॉर्ट नोटिस पर बन्द की जा सकती है, शॉर्ट टर्मिनेट, शॉर्ट ओरिजिनेट, रूट डायवर्शन की जा सकती है। फेरे कम या ज्यादा का बदलाव भी किया जा सकता है। कुल मिलाकर इन गाड़ियोंका परिवहन रेल प्रशासन के हाथोंमें उनकी जरूरत और समय की माँग पर आधारित है। यह सब इस संक्रमण काल को देखते हुए की गई आपातकालीन व्यवस्था है। किसी भी समय जरूरत के अनुसार बदलाव किए जा सकते है और शायद इसीलिए इनकी स्थायी नियमित समयसारणी या गाड़ियोंका नियमितीकरण नही किया जा रहा है।
यात्रीगण यात्रा करने से पूर्व हमेशा अपनी गाड़ी की जानकारी रेलवे की हेल्पलाइन 139 से ले सकते है। रेलवे के पूछताछ केंद्र, NTES ऍप या रेलवे की अधिकृत वेबसाइट की जानकारी पर ही विश्वास करें और उनकी सूचनाओंपर ही अपनी यात्रा का नियोजन करें।