निम्नलिखित झूठी खबर आज सुबह से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जो सरासर किसी खुराफाती दिमाग की उपज है।

दरअसल यह खबर बीते वर्ष में जब सम्पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा की गई थी और उसके तहत सभी रेल सेवा को एहतियात के तौर पर रोका गया था। किसी खुराफाती, असमाजिक तत्व ने इसे वायरल कर दिया। बीते वर्ष में रेल सेवाएं रोकी गयी थी तो बहुत सारे यात्री जगह जगह पर महीनों अटक गए थे और ठीक वैसा ही डर जनमानस मे फैल गया।
“PIB फैक्ट चेक” ने तुरंत ही इस खबर को खारिज किया की इस तरह का कोई भी निर्णय नही लिया गया है।

गौरतलब यह है, की इस बार यात्रिओंमें कोई हड़कम्प या बैचेनी, घबराहट नही थी और ना ही इस क्लिप को ज्यादा लोगोंने एकदूसरे को फॉरवर्ड नही की। ज्यादातर रेलवे सम्बन्धित हेल्पलाइन 139 पर पूछताछ कर लोगोंने अपना समाधान किया और रेलवे सम्बंधित वेबसाइट, ब्लॉग और ग्रुप्स में चर्चा के यह निश्चित किया के खबर झूठी है।
यात्रिओंमें इस तरह की जनजागृति वाक़ई में बहुत समाधान और सुकून देनेवाली है। कभी भी कोई दुर्घटना, बन्द या इस तरह की कोई भी खबर आपको सोशल मिडिया पर मिले तो उसे आगे तो बढाना ही नही है, बल्कि उसकी सत्यता की सर्वप्रथम पुष्टि करें, अधिकृत वेबसाइट या हेल्पलाइन, से जानकारी ले। ख़बर देने का काम राष्ट्रीय एजेंसियों का है, जो आपदा में किसी भी एक व्यक्ति से बेहतर ख़बरोपर काम करती है। वे सही स्थितियोंका आकलन कर के देशभर में खबर देती है, साथ मे हेल्पलाइन नम्बर्स भी जारी किए जाते है।
मित्रों, अफवाहोंको किस तरह जगह पर ही खत्म करना है, यह आप लोगोंकी आज की हुई प्रतिक्रियाओं से साबित हुवा है। जयहिन्द।