चलिए मित्रों, खबरे खबरे और ख़बरोंकी भी खबरें। पूर्वोत्तर रेलवे ने अपनी 26 जोड़ी याने 52 गाड़ियोंकी परिचालन अवधि बढाए जाने की घोषणा की है। सूची निम्नलिखित है, यात्रिओंको देखने, जानने और समझने की बात यह है, 26 में से 18 जोड़ी गाड़ियाँ पूजा विशेष और बची 8 जोड़ी विशेष गाड़ियाँ है।
हम फिरसे यात्रीगण को इन दो विशेष गाड़ियोंका फर्क समझाते है। चूँकि कोई भी नियमित गाड़ी का परिचालन नही किया जा रहा है और पूरे भारतीय रेल नेटवर्क पर केवल दो ही प्रकार की गाड़ियाँ चल रही है। एक विशेष और दूसरी पूजा कहिए या त्यौहार कहिए, विशेष। पूजा / त्यौहार / फेस्टिवल विशेष की रेल यात्रा महंगी होती है। 1.3 गुना यात्री किराया चार्ज किया जाता है और दूसरा दूरी निर्बंध, डिस्टेन्स रिस्ट्रिक्शन याने यात्रा टिकट 500 किलोमीटर दूरी का चार्ज किया जाएगा, चाहे यात्रा 100 किलोमीटर की ही क्यों न हो।
खैर, आज की यात्री रेल गाड़ियोंकी स्थिति यह है की लगभग 80% से ज्यादा गाड़ियाँ चलाई जा रही है। जिसमे महाराष्ट्र राज्य को छोड दिया जाता है, जो की बहुतांश मध्य रेलवे का कार्यक्षेत्र आता है, सभी क्षेत्रीय रेलवे में कम अंतर की, डेमू, मेमू, सवारी गाड़ियाँ चला दी गयी है, तो कम दूरी के यात्रिओंको, लम्बी दूरी की पूजा विशेष की महंगी यात्रा करने की आवश्यकता नही रह जाती है।


दक्षिण रेलवे की पूजा विशेष का परिचालन अवधि बढ़ा

