कहते है 33 कोटि देवता है, क्या आप जानते हो, यह सारे 33 कोटि देवता जमीं पर उतरे है। पल पल हमारी जान की रक्षा कर रहे है, हमे बचा रहे है।
डॉक्टर, नर्सेस, वॉर्डबॉय, यहाँतक दवाखाने का हर बन्दा जो आपकी पर्ची बना रहा है, साफसफाई कर रहा है, आज इन 33 कोटि देवता में शामिल है।
इतना ही नही, पुलिस विभाग, पालिका के कर्मचारी, परिवाहन विभाग जिसमे एम्ब्युलेंस हो या यात्री बसें या रेलवे के हर एक कर्मचारी जो अपना कर्तव्य जी जान लगा कर पूरा कर रहा है, आपका दूधवाला, सब्जीवाला, किरानेवाला
जरा गौर से देखिए, आपको निश्चित ही उनमें वह 33 कोटि देवता नजर आ जाएंगे।
जहाँ हम एक दूसरे से सोशल डिस्टेन्स रखते है, वहीं यह लोग हमारे लिए अपनी जिंदगी दाँव पर लगाकर अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर रहे है।
मित्रों, यह सारे देवदूत, भगवान आपके लिए सड़कों, अस्पतालों, रेलगाड़ियों, बसोंमें अपनी सेवाएं दे रहे है। कोई अस्पताल में आपके बिस्तर ठीक कर रहा है, कोई टॉयलेट साफ कर रहा है, कोई आपको समयपर दूध, खाना मिले इसके लिए मिलों सुबह से शाम तक दौड़ रहा है।
इनमें से कई लोगोंने आप के लिए कर्तव्योंका निर्वाह करते अपने प्राण न्योंछावर कर दिए है।
क्या ईश्वर हमे कुछ देता है तो हम उस उपकार की पूर्तता कर सकते है? शायद कभी नही। लेकिन उन उपकारोंके बदले हम एक कर सकते है, इनकी मदत कर सकते है, इनका बोझ कम कर सकते है, कैसे? हम बताते है। आज आप वचन लीजिए, संक्रमण के सभी नियमोंका यथास्थित पालन करेंगे। मास्क लगाएंगे। दो गज दूरी का पालन करेंगे। जितनी बार जरूरत हो साबुन से हाथ धोएंगे। बिना वजह घर से क़दापी बाहर नही निकलेंगे।
ले रहे है न वचन? आपको इन सारे 33 कोटि देवताओं की सौगंध है।