आपने फ़िल्मोंमे ऐसे कई दृश्य देखे होंगे, लेकिन यह हकीकत है।
सामने आती गाड़ी और प्लेटफॉर्म पर से पैर फ़िसल कर गिरता बच्चा,
एक जान को बचाए जा सकने में सिर्फ 6 सेकण्ड का वक्त…
एक जवान पलक झपकने से पहले ही गाड़ी के सामने दौड़ते हुए आता है, बच्चे को पटरी से उठाकर प्लेटफार्म पर छलांग लगाता है… बस, गाड़ी 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से धड़धड़ाते निकल जाती है।
कोई “एक्शन” की आवाज नही और न ही “कट” की। क्योंकी यह कोई फ़िल्म की शूटिंग नही चल रही थी। यह तो वहाँ cctv का कैमरा ना होता तो यह थर्राकर रख देने वाला दृश्य किसी प्रत्यक्षदर्शी के ही ज़ेहन में छपा रह जाता।
मध्य रेलवे के कल्याण – कर्जत, पुणे के बीच का यह स्टेशन है, वांगणी। जहाँपर यह हादसा होते होते बचा।
दृश्य में दिखाई दे रहा है, दो बच्चे अपनी मस्ती में प्लेटफॉर्म पर से जा रहे है, अचानक प्लेटफार्म के किनारेसे चलनेवाले बच्चे का पैर फ़िसलकर वह पटरी पर गिर जाता है। सामने से गाड़ी बड़े ही तेज गति से आ रही है। यकायक पटरीके पास थोड़े ही दूरी पर प्वॉइंट्मन मयूर शेळके तेजी से बढ़ती रेलगाड़ी के सामने दौड़ते हुए आकर, उस बच्चे को पटरी से उठाकर प्लेटफॉर्मपर छलांग लगाता है।
मित्रों, आज रेल मन्त्री पीयूष गोयल ने भी इस जवान, पवाईट्समैन मयूर शेळके की तारीफ की है, ट्वीट किया है। सलाम है, ऐसे रेल कर्मी को जो अपने फर्ज के सामने इन्सानियत के लिए खुद की जान की बाजी लगा देता है। वाह!!