मित्रों, यूँ तो हम हमेशा रेलवे की ही बात करते है। बहुत सारी तकनीकी या फिर समयसारणी से जुड़ी हुई बातें ही रहती है। आज हम आपको रेलवे की ही परन्तु थोड़ी सी अलग रेल की बात बताते है।
यह है फनीक्युलर रेल, यह रेल गाड़ी ऊँची पहाड़ी, खड़ी चढ़ाई पर बनाई जाती है। एक तरह से केबल कार मगर पटरी पर चलनेवाली होने से रेल कही जाती है। ज्यादा तकनीक में न जाते हुए सादा सादा समझते है। पहाड़ी के दोनों सिरोंपर एक एक कार जुड़ी हुई रहती है। एक पहाड़ी के टीले पर और दूसरी जमीन पर। केबल से सहारे एक चढ़ती है तो दूसरी उतरती है। दोनों पटरियों के बीच एक खांचे वाली रेल होती है।पहाड़ी पर यात्री और सामान चढ़ाने के लिए इस रेलगाड़ी का उपयोग होता है।


आज हम आपके लिए दुनिया की सबसे ज्यादा खड़ी चढ़ाई वाली फनीक्युलर रेल का वीडियो आपके लिए लाए है। यह रेल स्विट्जरलैंड के बर्न में है और गेलमेर फनीक्युलर रेल के नाम से प्रसिद्व है। ट्विटर पर आपको इसके कई वीडियो मिल जायेंगे।
भारत मे भी फनीक्युलर रेलवे है।
जोगिंदर नगर, हिमाचल प्रदेश समुद्र तल से 2530 मीटर (8300 फीट) की ऊंचाई पर भारत का सबसे ऊंचा फनिक्युलर है। इसे 1930 के दशक में शानन पावर हाउस की भारी मशीनरी को बरोट तक ले जाने के लिए बनाया गया था। यह मीटर गेज पर है। यह फनिक्युलर और हॉरिजॉन्टल ट्रैक का 4-चरण नेटवर्क है और इसमें छह ढुलाई कार स्टेशन हैं। ढुलाई मार्ग वाली कारों की लदान क्षमता अनुक्रम से 15, 10, 5 टन है। क्षमता जितनी अधिक होगी, उतनी ही गति कम होगी। जोगिंदरनगर में हॉलेज वे कार या ट्रॉली दुनिया भर में कुछ फनिक्युलर रेलवे में से एक है और इसे 20 वीं शताब्दी का इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है।

महाराष्ट्र राज्य में भीरा और भिवपुरी रोड पर टाटा समूह फनिक्युलर रेलवे संचालित करता है।
तमिलनाडु, पलानी मुरुगन मंदिर, पलानी मंदिर फनिक्युलर

सप्तश्रृंगी गढ़ नासिक महाराष्ट्र में भी फनीक्युलर रेल है जिस का उद्घाटन 4 मार्च, 2018 को हुआ।

उपरोक्त जानकारी ट्विटर, गूगल, विकिपीडिया से साभार।