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“तेजस” राजधानी

मुम्बई नई दिल्ली के बीच प्रतिदिन चलनेवाली पश्चिम रेलवे की 02951/52 राजधानी अब भारतीय रेल के सबसे आधुनिक “तेजस” रैक से चलाई जाने वाली है। यूँ तो पूर्वोत्तर रेलवे में अगरतला राजधानी इन तेजस कोचेस के साथ चलाई जा रही है, मगर मुम्बई राजधानी के लिए यह पहली बार उपयोग में लाए जा रहे है। अब आप सोच रहे होंगे, इसमें क्या विशेषता है, की बड़ा नाम लिया जा रहा है? चलिए बताते है।

स्वचालित दरवाजे: तेजस राजधानी में खतरनाक तरीके से नहीं चढ़ना उतरना बिल्कुल मना है क्योंकी नए रेक में स्वचालित दरवाजे होंगे जो ट्रेन के चलने से स्वचालित तरीकेसे बंद किए जायेंगे।

बेहतर इंटीरियर: आग प्रतिरोधी सिलिकॉन फोम वाली सीटें और बर्थ यात्रियों को बेहतर आराम और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

खिड़की पर रोलर ब्लाइंड:  पर्दों के बजाय आसान सैनिटाइजेशन के लिए रोलर ब्लाइंड्स दिए गए हैं।

मोबाइल चार्जिंग पॉइंट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया।

बर्थ रीडिंग लाइट: प्रत्येक यात्री के लिए प्रदान किया गया।

ऊपरी बर्थ पर चढ़ने की व्यवस्था: नई सीढ़ी की डिज़ाइन ऊंची बर्थ तक चढ़ने को अधिक सुविधाजनक बनाती है।

यात्री घोषणा और यात्री सूचना प्रणाली: तेजस के प्रत्येक कोच में दो एलसीडी डिस्प्ले होते हैं जो अगले स्टेशन, शेष दूरी, आगमन के अपेक्षित समय, देरी और सुरक्षा संबंधी संदेशों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करते हैं।

डिजिटल डेस्टिनेशन बोर्ड: प्रत्येक कोच पर एलईडी डेस्टिनेशन बोर्ड लगाए गए हैं।  डेटा दो पंक्तियों में प्रदर्शित किया जाएगा।  पहली पंक्ति ट्रेन संख्या और कोच प्रकार प्रदर्शित करेगी जबकि दूसरी पंक्ति गंतव्य और मध्यवर्ती स्टेशन को कई भाषाओं में प्रदर्शित करेगी।

ऑक्यूपेंसी सेंसर के साथ बेहतर शौचालय : नए बायो-वैक्यूम शौचालय में एंटी-ग्रैफिटी कोटिंग्स, जेल कोटेड शेल्फ और एक नया डिज़ाइन का डस्टबिन, डोर लैच जो कि आधुनिक तकनीक के एक्टिवेटेड लाइट और एंगेजमेंट डिस्प्ले के साथ हैं। आपात स्थिति के मामले में शौचालयों में अब पैनिक बटन भी लगाया है।  शौचालय व्यस्तता की स्थिति का सेंसर प्रत्येक कोच में लगाया गया हैं।

सुरक्षा और निगरानी निगरानी: प्रत्येक कोच में कम रोशनी की स्थिति में भी नाइट विजन क्षमता और चेहरे की पहचान के साथ छह कैमरे लगाए गए हैं।

स्टेनलेस स्टील अंडर-फ्रेम:  कोच अंडर-फ्रेम जंग को कम करने और कोच के जीवन को बढ़ाने के लिए ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील (एसएस 201 एलएन) से बना है।

एयर सस्पेंशन बोगियां: सभी कोचों में यात्री आराम और इन कोचों की सवारी की गुणवत्ता के लिए एयर सस्पेंशन है।

इन सुविधाओंके अलावा सुरक्षा में सुधार के लिए बेयरिंग, पहियों के लिए ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम, एचवीएसी – एयर कंडीशनिंग सिस्टम के लिए वायु गुणवत्ता माप, वास्तविक समय के आधार पर पानी की उपलब्धता की जानकारी के लिए जल स्तर सेंसर, कोचों की बाहरी बनावट पीवीसी फिल्म के साथ प्रदान की जाती है।

पहला: यात्री सूचना और कोच कंप्यूटिंग यूनिट

दो नए रेकों में से एक कोच के लिए यात्री सूचना और कोच कंप्यूटिंग यूनिट (पीआईसीसीयू) को सपोर्ट करता है।  यह इकाई प्रत्येक कोच के लिए विभिन्न मापदंडों की निगरानी करेगी।  पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर का कहना है कि विभिन्न सुविधाओं के प्रदर्शन की बारीकी से निगरानी के लिए डेटा एक मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से एक केंद्रीय सर्वर को भेजा जाएगा।

PICCU यूनिट बिजली की खपत के अलावा सीसीटीवी वीडियो, टॉयलेट गंध सेंसर, पैनिक स्विच, वायु गुणवत्ता, आग का पता लगाने और अलार्म सिस्टम का रिकॉर्डिंग करेगा। 

यह लेख, तस्वीरें railpost.in से साभार, साथ ही तसवीरोंके लिए, रेल पोस्ट टेलीग्राम से श्री उदित मेहता और स्वरूप मुखर्जी इनके भी आभार।

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