भारतीय रेलवे ने अपने आरक्षण केंद्र पर आरक्षित टिकट बनवाने वाले यात्रिओंको UPI के जरिए अदायगी करने पर टिकिटोंके बेसिक शुल्क में 5% की छूट को 12 जून 2022 तक जारी रखने की घोषणा की है। इसी पर आज हम अपनी बात करने जा रहे, पर पहले आप परीपत्रक देख लीजिए।

उपरोक्त परीपत्रक में छूट के प्रावधान, वर्ष 2018 के परीपत्रक क्रमांक 16, 16A और 16B के नियम और शर्तों के अनुसार जारी रहेंगे ऐसा कहा गया है, अतः वे भी परीपत्रक हम यहाँ दे रहे है। 16A, 16B में और उसके आगे के दो परीपत्रकों में अवधीके विस्तार के बारे में लिखा गया है।


उपरोक्त परीपत्रक में छूट के लिए दिए गए नियमोंपर गौर कीजिए,
5% छूट केवल रिजर्वेशन काउंटर से खरीदे गए और UPI या BHIM ऍप के जरिए भुगतान करने पर ही मिलेगी। यह छूट ₹100/- या उससे से ज्यादा मूल्य के बेसिक किरायोंके आरक्षित टिकटोंके लिए ही रहेंगी। यह छूट ज्यादासे ज्यादा ₹50/- तक रहेगी।
इस छूट का प्रावधान MST/QST, एकल यात्रा अनारक्षित टिकट या आईआरसीटीसी के जरिए निकाले जानेवाले ऑनलाइन ई-टिकट, I – टिकट के लिए नही है।
यह छूट गाड़ियोंके प्रथम चार्टिंग तक ही उपलब्ध रहेगी, उसके बाद नही। मगर उसके बाद यदि करन्ट बुकिंग्ज में कोई जगह उपलब्ध है तो उसके लिए जो 10% रियायत वाली योजना यथावत जारी रहेगी।
चलिए, अब हम हमारी बात रखते है,
रेल प्रशासन चाहता है, की आरक्षण व्यवस्था का डिजिटलाइजेशन हो तो यह UPI से भुगतान के लिए छूट का प्रावधान केवल आरक्षण केन्द्रोंके टिकटों के लिए ही क्यों? आईआरसीटीसी के ऑनलाइन टिकटोंके लिए क्यों नही?
आरक्षित केन्द्रोंके टिकटोंके लिए रेल प्रशासन को ऑनलाईन टिकटोंके मुकाबले निश्चित ही ज्यादा खर्च लगता है, स्टेशनरी लगती है। इसके बावजूद ऑनलाईन टिकटों में अतिरिक्त सर्विस चार्ज वसूला जाता है। इस फर्क को यूँ समझिए, मुम्बई से हावडा का ऑनलाईन स्लिपर क्लास का टिकट है। उसका मूल्य सभी अतिरिक्त चार्ज मिलाकर ₹780/- होगा जिसमें 726 रुपिया बेसिक किराया है। और आईआरसीटीसी के लगभग 17 या 20 और जोड़ लीजिए। कुल हो जाएगा ₹800/- अब यही टिकट आरक्षण केंद्र से निकाला जाएगा तो सिर्फ 780/- में और UPI/BHIM ऍप से भुगतान किया तो ₹740/- कुल फर्क हुवा प्रति व्यक्ति ₹60/- जिसमे 5% वाली छूट के ₹36/- काटे गए है। समझ लीजिए, दस लोगों के ग्रुप को अमूमन ₹350 से 400/- बचते है।
ऐसी योजना में आम यात्री के पैसोंकी बचत होती है तो वह आरक्षित केंद्र पर ही जाकर भीड़ करेगा, वहींसे टिकट लेने जाएगा। क्या इस संक्रमण काल मे भीड़ को प्रोत्साहित करना उचित है? क्या यह UPI के जरिए भुगतान को प्रोत्साहन देने का तरीका है? यदि प्रशासन चाहता तो, UPI/BHIM ऍप के जरिए भुगतान किए जानेपर दी जानेवाली 5% की छूट ऑनलाईन टिकटों पर भी जारी रख सकता था। उससे यात्री अपने अपने घरोंसे, सुरक्षित स्थानों से टिकट खरीद सकते थे। पैसे बचाने हेतु और प्रशासन द्वारा केवल आरक्षण केद्रोंपर ही छूट दिए जाने से प्रोत्साहित होकर स्टेशनोंके आरक्षण केद्रोंपर भीड़ न लगाते।
और भी आगे जाकर हम यह कहते है, रेल प्रशासन ऐसी छूट देकर, आखिर कहना क्या चाहता है? जहाँ कश्ती तूफान में है, निजी क्षेत्रोंको रेल में भागीदारी देकर निधि जमा करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है, यात्री ट्रैफिक में ऐसे ही बहुत रियायती किराए है जिनमें सुधार लाना नितान्त आवश्यक हो चुका है, ऐसेमें 50 रुपए तक की छूट देने का लालच देने में प्रशासन क्या हासिल करना चाहते है? एक तरफ कई नियमित गाड़ियाँ चलवाने की मांग को अनदेखी किया जा रहा है। कई क्षेत्र में सवारी गाड़ियों पर निर्णय नही हो पा रहा है तो कहीं उन्हें एक्सप्रेस के किरायोपर चलाया जा रहा है। MST/QST वाले पास के अभाव में दिन ब दिन हैरान-परेशान हो रहे है, आक्रोश कर रहे है। बताइए, किसी ज्ञानी से हम जानना चाहते है,”आखिर कहना क्या चाह रहे हो?”