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हश्श!! रेलवे के MST मासिक पास शुरू किए जा रहे है।

आखिरकार 09 अगस्त से, मन्थली सीजन टिकट MST/QST पासेस WCR पश्चिम मध्य रेल और SWR दक्षिण पश्चिम रेल ने शुरू करने की घोषणा कर दी। ज्ञात रहे इस सेवा से वंचित, तमाम अप डाउन करनेवाले रेल यात्री परेशान थे। पश्चिम मध्य रेल ने अपना परीपत्रक जारी कर निम्नलिखित गाड़ियोंमे सीजन पास शुरू करने की अनुमति दे दी है।

अब प्रश्न यह है, जब कोई दो क्षेत्रीय रेलवे MST सेवा शुरू कर सकती है तो क्या यह नियम पूरे भारतिय रेलवे के लिए लागू नही होता? इस बात को समझने के लिए हमे संक्रमण कालीन निर्बंधों को समझना होगा। संक्रमण काल की सारी स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था राज्य प्रशासन के अधीन है और केवल राज्य प्रशासन मान्यता देती है तब ही रेल प्रशासन इस दिशा में आगे बढ़ सकती है।

मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे दोनोंके के मुख्यालय महाराष्ट्र में, मुम्बई में स्थित है। महाराष्ट्र राज्य में अभी भी संक्रमण काल के निर्बंध पूरी तरह हटाए नही गए है। यज्ञपी पश्चिम रेलवे का गुजरात के मुकाबले, महाराष्ट्र में बहुत थोडासा कार्यक्षेत्र पड़ता है, मगर मुख्यालय तो मुम्बई महाराष्ट्र में ही है और इसीलिए हो सकता है की पश्चिम रेलवे ने अपनी बहुत सी PSPC सवारी विशेष गाड़ियाँ तो शुरू कर दी मगर MST पर अभी भी मौन धारण कर रखा है।

वही मध्य रेलवे की बात की जाती है, तो मध्य रेलवे का अधिकांश कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र राज्य में है इसलिए यहाँपर MST तो छोड़ ही दीजिए, एक भी सवारी विशेष शुरू नही की गई है। भुसावल – नन्दूरबार – सूरत के बीच दो PSPC चल रही है, वह भी पश्चिम रेलवे की ही मेहरबानी है। मध्य रेलवे के 5 मण्डल है। मुम्बई, पुणे, सोलापुर, नागपुर और भुसावल, मगर कोई भी सवारी विशेष गाड़ी या अनारक्षित विशेष गाड़ी नही चलाई जा रही है। सैकड़ों, हजारों छोटे गाँव, शहर के यात्री या तो आरक्षण कर के यात्रा करने के लिए मजबूर है या फिर सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे है।

मध्य रेलवे का भुसावल मण्डल, पता नही किस समस्याओंसे जूझ रहा है? भुसावल में उत्तरी और दक्षिण दोनों प्रवेशद्वारों पर अनारक्षित टिकट काउंटर्स है। प्लेटफार्म टिकट शुरू है, पश्चिम रेलवे की दो गाड़ियोंमे अनारक्षित टिकट शुरू है मगर टिकट खिड़की दोनोंही एन्ड पर, केवल एक ही खोली जाती है। उसमे भी उत्तरी दिशा के टिकट काउंटर का समय सुबह 8:00 से शाम 20:00 बजे तक ही है। यदि इसके बाद किसी यात्री को प्लेटफार्म टिकट खरीदने की जरूरत पड़े तो उसे दूसरी दिशा के दक्षिण प्रवेश पर जाकर की टिकट खरीदनी होंगी। वही परेशानी रोजाना अप डाउन करने वाले यात्रिओंको भी होती है। भुसावल – जलगाँव के कमसे कम 300 – 400 यात्री होते है और इतने टिकट रोज काटने के चक्कर मे हर रोज गाड़ी के समयपर हो-हल्ला होता है। मोबाइल पर UTS ऍप के जरिए निकाले जानेवाले टिकट भी फिलहाल बन्द किए गए है। ऐसी अवस्था मे क्या मण्डल प्रशासन इस बात पर गौर नही कर रहा है, स्थानिक यात्री टिकट खरीदने परेशान हो रहे है तो एक कि जगह दो काउंटर चलवा दिए जाए?

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