उत्तर रेलवे के परीपत्रक ने लिंक एक्सप्रेस के अस्तित्वके प्रश्न पर आखरी कील ठोंक दी है। पहले आप यह परीपत्रक देख लीजिए।


परीपत्रक में ‘डायवर्शन ऑफ ट्रेन्स’ के कॉलम में 19019/20 बान्द्रा देहरादून बान्द्रा प्रतिदिन एक्सप्रेस के मार्ग बदलाव की बात कही है। यह गाड़ी अब रतलाम से आगे नागदा, कोटा मार्ग की बजाए चित्तौड़गढ़ होकर चलेगी और उसके अगले कॉलम 29019/20 मन्दसौर मेरठ लिंक एक्सप्रेस और 22925/26 अंबाला कालका लिंक एक्सप्रेस को डिस्कन्टीन्यू याने बन्द कराए जाने की बात लिखी है। यह बदलाव नियमित समयसारणी आने के बाद होंगे यह भी लिखा गया है। साथ ही टनकपुर सिंगरौली और टनकपुर शक्तिनगर यह लिंक गाड़ियाँ भी आगे टनकपुर के बजाय चोपन तक ही चलाई जाएगी।
अकबर बीरबल की कहानी है, एक बार अकबर का पसन्दीदा तोता बीमार पड़ा और मर गया। अब यह खबर राजा को देना और अपनी मौत को दावत न्यौतना एक बराबर था। अतः यह प्रश्न बीरबल ने अपनी चतुराई से सम्भाला। उन्होंने राजा अकबर को तोता हिलडुल नही रह है, बोल नही रहा है ऐसी जानकारी घूम घूम कर देना शुरू किया तो राजा अकबर खुद ही बोल पड़े, अरे, तो क्या वह मर गया? तब बीरबल ने सिर्फ कहा, जी हाँ।
अब आप कहोगे, हमारे रेल ब्लॉग में यह अकबर बीरबल तोता कहाँसे आ गए? तो भईयाँ, अब तक यही तो चल रहा था। ZBTT शून्याधारित समयसारणी की घोषणा के साथ ही लिंक एक्सप्रेस के समापन की तारीख़ लिख गयी थी। नए टाइमटेबल के साथ लिंक एक्सप्रेस गाड़ियाँ खत्म होना तय किया गया था और आज उत्तर रेल्वे के इस परीपत्रक ने इन गाड़ियों को पटरी से निकाल यार्ड का रास्ता बता ही दिया है। केवल नियमित समयसारणी के आने की देर भर है। बड़े बड़े रेल ग्रुप, फैन क्लब और नेतागण बस यही कहते रह गए, हम लिंक एक्सप्रेस बन्द नही होने देंगे, बताइए अब क्या?
रेल प्रशासन ने मन्दसौर मेरठ लिंक बन्द कर के मुख्य गाड़ी को मन्दसौर कोटा से घुमा दिया मगर रतलाम से कोटा के बीच के स्टेशन्स के ठहराव का क्या? कुल 18 स्टेशन्स है जिन्हें इस गाड़ी से वंचित होना होगा। और इसमें ट्विस्ट बचा है, की यह गाड़ी अब सहारनपुर स्टेशन को भी बाईपास करते हुए टपरी जंक्शन होकर निकलेंगी।
मित्रों, शून्याधारित समयसारणी सभी यात्रिओंको जोर के झटके देने वाली है और उत्तर रेलवे ने यह बात परीपत्रक निकाल कर जाहिर कर दी है।