भारतीय रेल विभाग की एक योजना आज ही पत्र सूचना कार्यालय द्वारा प्रकाशित की गई है। सूचना यथावत प्रकाशित की गई है।
रेलवे ने इच्छुक पार्टियों को कोचिंग स्टॉक लीज पर देकर आम जनता के बीच रेल पर्यटन का विस्तार करने के लिए थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट रेलगाड़ी चलाने की योजना बनाई
नीति निर्माण और नियम व शर्तों के लिए रेल मंत्रालय द्वारा ईडी स्तर की समिति गठित
प्रविष्टि तिथि: 11 SEP 2021 1:26PM by PIB Delhi
भारतीय रेल ने इच्छुक पार्टियों को कोचिंग स्टॉक लीज पर देकर आम जनता के बीच थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट रेलगाड़ी के रूप में चलाने के लिए रेल आधारित पर्यटन का विस्तार करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करना और विपणन, आतिथ्य क्षेत्र, सेवाओं के समेकन, ग्राहक आधार के साथ संपर्क, पर्यटन सर्किटों के विकास/ पहचान में विशेषज्ञता आदि जैसी पर्यटन गतिविधियों में पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मूलभूत शक्ति का लाभ उठाना है।
प्रस्तावित मॉडल की व्यापक विशेषताएं :
- इच्छुक पार्टियों की वांछित कॉन्फिग्रेसन के अनुरूप कोचों को लीज पर देना। बेयर शेल्स भी लीज पर लिए जा सकते हैं। कोचों की एकमुश्त खरीद भी की जा सकती है।
- कोचों में मामूली सुधार की अनुमति है।
- लीजिंग न्यूनतम पांच वर्षों के लिए की जा सकती है और यह कोचों की कोडल लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है।
- लीजिंग उद्देश्य के लिए न्यूनतम रेलगाड़ी संरचना नीतिगत दिशानिर्देशों के अनुरूप होंगे।
- इच्छुक पार्टी बिजनेस मॉडल (मार्ग, यात्रा कार्यक्रम, टैरिफ आदि) का विकास /निर्णय करेंगे।
- पात्रता मानदंड के आधार पर इच्छुक पार्टियों के लिए सरल पंजीकरण प्रक्रिया होगी।
- भारतीय रेल हॉलेज शुल्क, मामूली स्टैब्लिंग शुल्क तथा लीज शुल्क लगाएगी। (एकमुश्त खरीद के लिए कोई लीज शुल्क नहीं)
अन्य विशेषताएं :
- समय की पाबंदी को प्राथमिकता।
- कोच नवीनीकरण तथा यात्रा कार्यक्रमों के लिए समय पर मंजूरी।
- रखरखाव संचालनों के लिए कोई हॉलेज नहीं।
- रेलगाड़ी के भीतर तीसरी पार्टी के विज्ञापनों की अनुमति, रेलगाड़ी की ब्रांडिंग की अनुमति।
नीति निर्माण और नियम व शर्तों के लिए रेल मंत्रालय द्वारा कार्यकारी निदेशक स्तर की समिति गठित की गई है।
इस योजना के तहत जगह जगह पर गाड़ियोंकी मांग करने वाले रेल एक्टिविस्ट, रेल फैन ग्रुप्स, विविध राजनीति क्षेत्र के नेतागण आदि के लिए सुसन्धि, सुअवसर है, जब गाड़ी की मांग की जाती है तो बड़े बड़े दावे भी साथ मे किए जाते है, यात्रिओंकी बहुत मांग है, फलाँ प्रतीक्षा सूची चल रही है। तो आइए और रेल विभाग की इस योजना का लाभ उठाएं। अपनी मनचाही, मनपसंद स्टापेजेस वाली गाड़ी लीज पर लीजिए और चलवाईए। अपने क्षेत्र को यात्रिओंको भी सुविधा दीजिए और लाभ भी कमाइए।
है न सुअवसर? आम के आम और गुठलियों के भी दाम। चलिए देखते है, हर वक्त गाड़ियोंकी मांग करने वाले कितने लोग अपनी बेहद सक्सेसफुल गाड़ी के लिए मांग कर उसे हक़ीकत की पटरियों पर ले आते है।