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अपनी बात : भारतीय रेल के द्वारा ट्विटर, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम आदि माध्यमोंपर परिपत्रक का जारी किया जाना क्या उचित है?

अरे कहाँ हाथ रख दिए भाई, सारे जमाने को तो इन सोशल मीडिया ने पागल बना रखा है और उसमे रेल प्रशासन यदि कोई सूचनाए इस पर प्रसारित करती है तो हर्ज ही क्या है? जिनके अकाउंट बने है या जो इन सोशल मीडिया मे खबरें खोजते घूमते रहते है उनको तो आजकी खिचड़ी के लिए कुछ मसाला मिल ही जाता है।

यह सबसे पहली प्रतिक्रिया थी हमारे पत्रकार मित्र की, और तमाम खबरियों की भी लगभग इसी तरह की प्रतिक्रियांए उभर कर आयेंगी, जो वाज़िब भी है। किसी एक प्लेटफॉर्म पर सब सूचनाएं मिल जाए तो क्या दिक्कत होनी चाहिए? जी दिक्कत तो हमें भी बिल्कुल नहीं है क्योंकी परिपत्रक जो भी होते है उनका प्रचार और प्रसार चाहे किसी माध्यम से किया जाए, सूचनाएं सभी जनमानस तक पहुंचे यह जरूरी है। सोशल मीडिया के यह माध्यम है भी बड़े मजबूत, लाखों लोग इन्हे देखते है। अब आप पूछेंगे फिर यह ऐसा अटपटा सवाल क्यों? भाई, दरअसल जब हम रेल्वे की अधिकृत वेबसाइटें देखते है तो बड़ा अचंभा होता है, क्योंकी जो रेल्वे की खुद की वेबसाइट है, उनकी खुद की जगह जहां पर उनको यह सभी परिपत्रक, सूचनाएं प्रसारित करनी आवश्यक होती है, उन्हे तो महीनों महीनों अपडेट नहीं किया जाता, दिक्कत यहाँपर है।

भारतीय रेलवे की अधिकृत वेबसाइट http://www.indianrailways.gov.in पर zonal railways पर आप जाएंगे तो सारे क्षेत्रीय रेलवे की लिंक्स सामने आती है। जिनमे CR, ECoR, ER, NCR, NWR, SCR, SECR, SER, SWR, SR, WCR और WR की वेबसाइट अमूमन अपडेटेड याने ताजे परिपत्रक से तैयार रहती है, वहीं ECR का लास्ट अपडेट 06-11-2020 को, NER का लास्ट अपडेट 23-11-2013 को 😢, NR का 23/8/21 को तो NFR का 20/09/21 को अपडेट किया गया है। हम इन क्षेत्रीय रेल्वेज की न्यूज एन्ड अनाउंसमेंट सेक्शन की बात कर रहे है।

जब भी कोई अधिकृत सूचनाएं जारी करनी होती है, तो इन्ही वेबसाइट के जरिए सारे परिपत्रक प्रसारित किए जाते है। ट्विटर या फेसबुक या इंस्टाग्राम यह तो केवल सूचना देने के माध्यम है, अधिकृत प्रसारण व्यवस्था नही, ऐसा हमारा विचार है। खैर! ट्विटर पर तो सारे क्षेत्र और मण्डल के अधिकारियों के अकाऊंट मौजूद है और अपने अपने क्षेत्र की सूचनाएं भी जारी करते रहते है। ट्विटर पर तो सीमित शब्दोंका प्रयोग करना होता है, फ़ोटोज वीडियो की संख्या/ समय का बंधन है, इसके अलावा यह माध्यम विदेशी भी है, चाहे जो भी हो, अधिकृत पेज तो अद्ययावत रखे जाना ज्यादा आवश्यक है, ऐसा हमे लगता है।

खैर, कुछ और बात भी कर लेते है। रेलवे के कुछ नियम ऐसे होते है, जिन्हें आप अधिकृत वेबसाइट पर परिपत्रक पढ़कर, समझकर की ही जान सकते है। उदाहरण के तौर पर ई टिकट लेकर यात्रा करने का लीजिए। कई यात्री अपना ई टिकट बनने के बाद जो ERS इलेक्ट्रॉनिक रिजर्वेशन स्लिप बनती है, बजाय उसे चेकिंग स्टाफ़ को दिखाने के, वॉट्सऐप पर भेजी गई फोटो दिखाते है, जो रेल प्रशासन में मान्य नही है। रेल यात्रा के दौरान यात्री को चाहिए की वह अपने ई टिकट की VRM वर्चुअल रिजर्वेशन मेसेज, जो ERS की स्क्रीनशॉट होती है, या रेलवे का SMS अपने अधिकृत फ़ोटो ID के साथ जाँच करवाए। वॉट्सऐप पर भेजे गए स्क्रीनशॉट के मैसेज को अधिकृत नही समझा जाता है और यात्री चेकिंग स्टाफ़ से उलझता चला जाता है। रेलवे के नियमों में उक्त बात स्पष्ट की गई है।

चलिए, आज अपनी बात यही समाप्त करते है, आपके विचार हमसे कुछ भिन्न भी हो सकते है, आशा करते है, आप हमसे साँझा जरूर करेंगे।

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