
मुख्य सचिव, महाराष्ट्र राज्य और राज्य आपदा नियंत्रण समिति के चेयरमैन का पत्र देखिए। इस पत्र का सारांश यह कहता है की राज्य में संक्रमण की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है और टीकाकरण भी बहुत तेजी से किया जा रहा है। ऐसी अवस्था मे मुख्य सचिव अपने जिम्मेदार पद क़ा हवाला देते हुए माननीय राज्यपाल से मांग कर रहे है की रेल प्रशासन अब सभी पूर्ण टिकाकरण हुए व्यक्तियोंको MST/QST मासिक, त्रि मासिक, अर्ध वार्षिक इत्यादी सीजन पासेस का आबंटन करने की अनुमति दें।
यहाँपर प्रश्न यह की राज्य प्रशासन द्वारा जारी इस पत्र में संक्रमण की स्थितियां काबू में है, टीकाकरण बेहतर चल रहा है तो निर्बंध में ढील दिए जाने की माँग मालूम पड़ती है और रेल प्रशासन ने उसे शब्दशः लेते हुए उपनगरीय यात्रा के सारे एकल टिकट जो अब तक शुरू थे, तत्काल प्रभाव से बन्द कर दिए और टिकट बुकिंग काउंटर पर “नो टिकट ओनली पासेस” की तख्ती लगा दी।
अब तक यह हो रहा था की लम्बी दूरी से मुम्बई आनेवाले या उपनगरीय गाड़ियोंसे मुख्य टर्मिनलों से लम्बी दूरी की गाड़ियोंमे रवाना होने वाले यात्री अपनी कन्फर्म आरक्षित टिकट दिखाकर एकल यात्रा टिकट लेकर उपनगरीय गाड़ी में यात्रा कर पा रहे थे, जो व्यवस्था अब बन्द हो गयी है।
क्या यह राज्य और रेल प्रशासन के आपसी तालमेल और समझ मे फर्क होने से घट रहा है? क्या सचमुच राज्य प्रशासन चाहता है की टिकट बन्द हो जाए और केवल पास धारक ही उपनगरीय गाड़ियोंमे यात्रा करें? आशा है, की जल्द ही उपरोक्त विषय का खुलासा हो जाए और यात्री राहत की सांस ले सके। गैर उपनगरीय क्षेत्रोंमें ऐसे ही रोजाना अप डाउन करने वाले यात्री, आसपास छोटे अन्तर की यात्रा करने वाले यात्री बिना MST और अनारक्षित टिकट की अनउपलब्धतता की वजह से बेहद परेशान है।