आज भारतीय रेल प्रशासन ने एक परिपत्रक निकाला और अपनी सारी विशेष गाड़ियोंको नियमित करने का फ़ैसला जारी किया। MSPC/HSP मतलब मेल/एक्सप्रेस विशेष और त्यौहार विशेष गाड़ियाँ और उनके 1.3 गुना ज्यादा किराया वसूली से आम यात्रियों की मुक्ति।
मगर इस घोषणा के साथ साथ रेल प्रशासन ने कुछ ऐसी बातें भी जता दी जो आम यात्रिओंको पचने में समय लग सकता है। आइए समझाते है,
पहले फायदे की बात समझते है, अब त्यौहार विशेष और तत्काल किरायोंमे चलने वाली विशेष किराया श्रेणी वाली गाड़ियोंसे छुटकारा मिल जाएगा। अब तक जो भी नियमित गाड़ियाँ 0 गाड़ी क्रमांक लगकर विशेष कर चल रही थी सभी गाड़ियाँ नियमित गाड़ी क्रमांक में बदली जाएगी और किराया श्रेणी भी रेलवे की किराया सूची के अनुसार किराया चार्ज करेगी।
अब साइड इफेक्ट्स देखते है। मित्रों, साधारण द्वितीय श्रेणी मतलब ₹10/- वाली सवारी गाड़ी के किराया श्रेणी के दिन लद गए ऐसा लगता है। क्योंकि डेमू/मेमू गाड़ियोंमे भी मेल/एक्सप्रेस की मिनिमम ₹30/- द्वितीय श्रेणी किराया दर लग रही है।
लम्बी दूरी की गाड़ियोंमे आरक्षित द्वितीय श्रेणी मतलब 2S श्रेणी यथवत रखने की बात कही गयी है। बशर्ते किसी गाड़ी में अनारक्षित द्वितीय श्रेणी डिब्बे नामित न किए हो। मतलब लम्बी दूरी की कई गाड़ियोंमे अनारक्षित यात्री, MST धारकोंको यात्रा करने की अनुमति नही रहेगी।
यज्ञपी उपरोक्त पत्र में गाड़ियोंके नियमितीकरण की कोई विशिष्ट तिथि की घोषणा नही है परंतु जब भी यह बात लागू हो जाएगी, रेल प्रशासन अब तक आबंटित टिकटोंका कोई भी फ़र्क, डिफरेंस न तो वसूल करेगी और ना ही अदा करेगी।
कुल मिलाकर यह समझ ले, रेल प्रशासन ने अनारक्षित यात्रा केवल शॉर्ट डिस्टेन्स या डेमू/मेमू गाड़ियोंके लिए सीमित कर दी है। अब यह निर्णय लम्बी दूरी के यात्रिओके लिए बढ़िया तो है वही शॉर्ट डिस्टेन्स और MST धारकोंके लिए कठिन। रेलवे को चाहिए की शॉर्ट डिस्टेन्स यात्रा के लिए समुचित गाड़ियाँ जैसे डेमू/मेमू और इंटरसिटी के फेरे बढाए।
