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“शादी हो कर महीनों बीत गए और अब बजा बैण्ड, आई बारात, सजे फुल और मालाएं” भई वाह! क्या कहने, प.रे, और रतलाम मण्डल के!

दिनांक 15 नवम्बर याने कल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के अत्याधुनिक और सुस्वरूप, सुविधापूर्ण ‘रानी कमलापति रेलवे स्टेशन’ का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम WCR प म रेल के कार्यक्षेत्र में हुवा। माननीय प्रधानमन्त्री जी के इस शुभागमन का अलभ्य लाभ लेते हुए पश्चिम रेलवे, रतलाम मण्डल के अंतर्गत आने वाले फतेहाबाद चंद्रावती गंज – उज्जैन जिसका आमान परिवर्तन, विद्युतीकरण वर्ष 11/2/2021 मे ही हो चुका था और माल गाडियाँ चलने लग गई थी, अब यात्री गाड़ी शुरू कर उद्धाटन किया गया।

यह दोनों कार्यक्रम की यथायोग्य प्रसिद्धि हुई, मीडिया मे व्यापक कवरेज भी मिला, मगर एक छोटासा लोकार्पण का कार्यक्रम भी इसी दौरान रतलाम मण्डल द्वारा सम्पन्न कर लिया गया, जिसका किसी ख़बरोंमें, कही बड़ा उल्लेख या चर्चा दिखाई नही दी। वह कार्यक्रम था, खण्डवा के पास मथेला से नीमाडखेड़ी के रेल मार्ग का लोकार्पण।

दरअसल यह रेल मार्ग वर्ष 2019 के 12 अगस्त को ही पूर्ण हो कर एनटीपीसी खरगोन तक कोयला लदी माल गाड़ियोंके लिया शुरू हो गया था। इस रेल मार्ग का विद्युतीकरण दिनांक 15 मार्च 2020 को हुवा और विद्युत लोको संचलित माल गाडियाँ चलने लग गई थी, जिसका लोकार्पण माननीय प्रधानमंत्रीजी से आज करवाया गया।

गौरतलब, क्षेत्र की जनता चर्चा कर रही है, जब निमरखेड़ी से सनावद साढ़े ग्यारह किलोमीटर के रेलमार्ग का भी आमन परिवर्तन और विद्युतीकरण पूर्ण हो कर, दिनांक 31 मार्च 2021 को सुरक्षा आयुक्त द्वारा गाडियाँ चलवाने का अनुमतिपत्र भी मिल चुका था तो इस मार्ग का लोकार्पण क्यूँ नहीं किया गया? वैसे ही कार्य सम्पन्न हो कर महीनों बित गए थे, शादी पीछे बारात का खेला तो चल ही रहा था फिर इसे भी लोकार्पण करवाने मे क्या हर्ज था? जनता की अपेक्षा यात्री गाड़ी से थी। यही बात फतेहाबाद चंद्रावतीगंज – उज्जैन के 23 किलोमीटर रेल मार्ग के लिए भी लागू होती है, यह मार्ग पर भी बीते 6-8 महीनों से केवल मालगाडियाँ ही चल रही थी और यात्री, यात्री गाड़ियोंके लिए तरस गए थे।

निमाड क्षेत्र की जनता वैसे ही बेहद परेशान चल रही है। जब सनावद – निमारखेड़ी – खंडवा (मथेला) – भोपाल रेल मार्ग पर यात्री गाड़ी शुरू होने की सुगबुगाहट लगी और जनजातीय दिवस निमित्त इस मार्ग पर भी गाड़ी का उद्धाटन हो सकता है ऐसी आस बंधी तो इस क्षेत्र के यात्री बड़े ही खुश हुए थे मगर पश्चिम रेल्वे और रतलाम मण्डल के अधिकारियों ने उनकी सारी उम्मीद और आस पर पानी फेर दिया। मथेला से खंडवा के आमान परिवर्तन का कार्य फिलहाल दूर दूर तक बनते दिखाई नहीं दे रहा है, खंडवा स्टेशन के यार्ड रिमोडलिंग का भी कार्य ठप पडा है। इस तरह महू से लेकर आकोट तक खंडवा होकर रेल मार्ग कब यात्रीओं के नसीब होगा यह भगवान ही जाने!

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