पुराने निजी ट्रेन चलवाने के कार्यक्रम को ठंडे बस्ते में डाल या यूँ कह सकते है अलग जामा पहनाकर, अलग नाम से प्रस्तुत किया गया है। यह भी निजी ऑपरेटर द्वारा ही चलाई जानेवाली गाड़ियाँ रहेंगी। नियमावली के लिए पूरे 28 पृष्ठों का विवरण यहाँपर जोड़ रहे है।
मित्रों, भारतीय रेल अपने व्यवसायिक दृष्टिकोण को निरंतर बढ़ा रही है। घाटे से उबरने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। निजी ट्रेन्स भी इसका ही हिस्सा था, हालाँकि वह प्रोजेक्ट अभी भी जीवित है बस थोड़ा अवधि, रेल लाइनोंका दोहरीकरण, गति बढाने का कार्य, रेल संचालन में आधुनिकता आदि सुधार होने के बाद फिर से लाया जा सकता है। मध्यावधि में भारत गौरव गाड़ियोंको चलाने का प्रयोग लाया गया है। भारतीय रेल को हमारी ओर से शुभकामनाएं।