भारतीय रेल में यात्री टिकट किरायोंमे रियायतोंकी लम्बी 54 प्रकार की सूची इन दिनों इन दिनों सिमटकर 15 प्रकार की हो गयी है। रियायत में सबसे ज्यादा उपयोग में लाएं जानेवाली, लोकप्रिय वरिष्ठ नागरिक रियायत भी फिलहाल बन्द ही है।
रेल प्रशासन ने संक्रमण की रोकथाम के हेतु 20 मार्च 2020 से सभी यात्री गाड़ियोंका परिचालन रोक दिया था। लगभग 2 महीने बाद धीरे धीरे गाड़ियाँ खुलने लगी मगर टिकटोंमें रियायत बन्द ही थी। फिर विशेष श्रेणी में गाड़ियोंका परिचालन किया गया और 15 रियायतोंको लाया गया, जिसमे 4 प्रकार की दिव्यांग जन रियायत और 11 प्रकार की मरीज एवं विद्यार्थी रियायत शुरू की गई। चूँकि 15 नवम्बर से सभी गाड़ियोंका नियमितीकरण किया गया तो यात्रिओंमें रियायत भी नियमित हो जाएगी ऐसा विश्वास जाग उठा था। गाड़ियोंके गाड़ी क्रमांक तो बदले मगर रियायतोंकी सूची का नियमितीकरण न हो पाया।
तमाम रेल यात्री और यात्री संगठन यह जानने के लिए उत्सुक थे, की जनता के प्रत्येक छोटे बड़े प्रश्न का उत्तर प्रशासन से लेने वाले जनप्रतिनिधि आखिर कब यह रेल टिकट की रियायतों को पूर्ण रूप से पुनर्स्थापित करवा रहे है? यह प्रश्न आखिर सदन के पटल पर पहुंच ही गया। राज्यसभा में रेल मन्त्री अश्विनी वैष्णव ने रेल यात्री किरायोंकी रियायतोंको फिलहाल नियमित स्तर पर लाने में जल्दबाजी होगी ऐसा उत्तर दिया। अभी भी संक्रमण का डर पूर्णतयः खत्म नही हुवा है।
तो बुज़ुर्गोंको अन्य पुरस्कृत यात्रिओंको रेल किरायोंकी छूट के लिए अभी इंतजार करना होगा।