मित्रों, मुझे खेद है की आज 16:11 की एक ऑटो जनरेटेड पोस्ट की वजह से आपको काफी तकलीफ हुई है। लेकिन यह पोस्ट मई आपके लिए ले कर उपस्थित हूँ।
दरअसल इस गाड़ी मे, इसके शुरू होने के बाद से लेकर अब तक इतना बदलाव आया है की हम ने सोच इस लोकप्रिय गाड़ी पर कुछ लिखा जाए। हेडिंग बनी मगर आगे बढ़े ही नहीं। मगर आज शायद वह हेडिंग अचानक ही सामने या गई और प्रकाशित हो गई तो फर्ज बन गया की उस लेख को पूरा किया जाए। खैर, 08 सितंबर 2008 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने अमरावती स्टेशन को मॉडेल स्टेशन मे बदलने की नींव रखे जाने के कार्यक्रम मे की थी। इसके साथ ही 2111/2112 अमरावती मुम्बई द्विसाप्ताहिक एक्स्प्रेस और 2120/19 नागपूर अमरावती सप्ताह मे 5 दिन यह दो नई गाडियाँ भी शुरू की गई।

अमरावती सूरत फास्ट पैसेंजर तब 125/126 इस क्रमांक से और सप्ताह मे 2 दिन चलना शुरू हुई। इसमे सभी डिब्बे द्वितीय श्रेणी के लगे थे। गाड़ी को स्लॉट और समयसारणी पूरी की पूरी एक्स्प्रेस की मिली थी। मतलब सवारी गाड़ी के किराए मे एक्स्प्रेस का मजा। जब सभी गाड़ियोंके क्रमांक 5 आँकडो के किए गए तो इसका गाड़ी क्रमांक 59025/26 इस तरह हुवा। वर्ष 2011/12 के रेल बजट मे इसके फेरे बढ़ाए गए और यह गाड़ी त्रिसाप्ताहिक हुई। गाड़ी इतनी लोकप्रिय थी की सभी वर्ग के यात्री इसे प्रतिदिन कराने की मांग करते थे। रेल प्रशासन ने इसकी लोकप्रियता को देखते हुए प्रतिदिन तो नहीं किया मगर एक्स्प्रेस मे जरूर बदल दिया। 04 अगस्त 2017 मे पश्चिम रेल्वे ने अपनी इस गाड़ी को नया क्रमांक 19025/26 देकर वही समयसारणी और ठहरावों को रखते हुए एक्स्प्रेस बना दिया और दो कोच आरक्षित द्वितीय श्रेणी 2 S कर दीए गए।

मार्च 2020 मे संक्रमण काल मे सारी यात्री गाडियाँ रद्द कर डी गई जिसमे यह गाड़ी भी थी। धीरे धीरे मई 2020 से कुछ गाडियाँ चलने लगी मगर 19025/26 सूरत अमरावती शुरू होने के लिए 25/27 फरवरी 2021 की तारीख कलेंडर मे देखनी पड़ी। फिर बदला बदला स्वरूप था, केवल आरक्षित यात्री ही यात्रा कर सकते है ऐसा प्रशासन का निर्बंध था और गाड़ी अब विशेष श्रेणी मे, सप्ताह मे दो दिन चलनेवाली, 09025/26 क्रमांक के स्वरूप मे लाई गई। गाड़ी तो चला दी गई मगर एक ट्विस्ट और या गया था परिपत्रक मे एक सूचना भी थी जब नई समयसारणी लागू होगी तब से यह गाड़ी नए क्रमांक 20925/26 और सुपरफास्ट श्रेणी मे चलाई जाएगी। साथ ही इसके वरणगाव, बोदवड़ यह ठहराव भी रद्द किए गए।

13 वर्षों के परिचालन मे इतनी तेजी से अपना स्वरूप बदलने वाली शायद यह एकमेव गाड़ी होगी। यही वजह थी, के इस पर हम लेख लिखना चाह रहे थे। वैसे तत्कालीन राष्ट्रपति माननीय प्रतिभाताई पाटील की अपने गृहनगर अमरावती के लिए यह गाड़ी सौगात थी जो दस वर्षों तक सवारी गाड़ी के न्यूनतम किरायों मे सुपरफास्ट रेल यात्रा का अनुभव कराती रही।