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रेलवे के आला अफसरों की रेलवे के कार्यक्षमता एवं अनुसंधान सम्बन्धी बैठक

भारतीय रेल के चेयरमैन सीईओ, कार्यकारी निदेशक, सभी क्षेत्रीय रेलवे के महाव्यवस्थापक और मण्डलों के व्यवस्थापक इनकी एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। यूँ तो यह बैठक सम्पूर्णतयः कार्यालयीन बैठक थी मगर इसके कुछ तथ्य यात्रिओंसे भी सम्बंधित है, अतः इस बैठक की टिप्पणियाँ आपके सामने प्रस्तुत है।

इस पत्र का मुद्दा क्र 1.4 रेलवे ने जहाँ जहाँ यात्रिओंकी मेल/एक्सप्रेस एवं सवारी गाड़ियोंकी शुरू करने की मांग है, उन पर क्षेत्रीय रेलवे आवश्यक कार्रवाई करें यह कहा गया है।

संक्रमनपूर्व चालित कई गाडियाँ अब तक शुरू नहीं हो पाई है, रेल प्रशासन से निवेदन है कृपया उचित कार्रवाई की जाए।

1.8 में रेल कर्मचारियों के बारे में कहा गया है। जो भी लाइन ड्यूटी स्टाफ़ है वह केवल लाइन पर ही चलना चाहिए उन्हें ऑफिस (स्थिर) ड्यूटी नही देना चाहिए।

खर्च की बचत होने के लिए डीजल लोको के उपयोग पर प्रतिदिन नजर रखना, खास कर उन खण्डों में जहाँ OHE लाइनें डली हो और इलेक्ट्रिक लोको चलाए जा सकते हो। चल स्टॉक का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए।

इसमे कई यात्री संगठन गाडियाँ विस्तारित करने की मांग कर रहे है, आशा है, रेल प्रशासन इस मुद्दे के चलते उचित कदम उठाकर जहाँ सम्भव है, गाड़ियोंको निकटतम रखरखाव किया जा सके ऐसे स्टेशन तक विस्तारित करेंगे ।

मुद्दा क्र 1.13 में सुपर क्रिटीकल और क्रिटिकल परियोजना के बारे में चिन्ता व्यक्त की गई है। उनके पूर्णत्व की डेडलाइन सुनिश्चित करने को कहा गया है। एक बार सुनिश्चित की गई तारीखें बदली नही जाएगी। प्रत्येक परियोजना की मासिक समीक्षा तय की जायेगी और सम्बन्धित क्षेत्रीय रेलवे के महाव्यवस्थापक उसके डेडलाइन की सटीकता से निगरानी करेंगे।

स्टेशन के विकास सम्बन्धित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान रखें जाने की आवश्यकता जताई गई है। इन योजनाओंको जल्द से जल्द पूरा करना है।

LHS कम ऊंचाई के सबवे में पानी रुकने की समस्याओं पर समाधान निकालने के लिए कहा गया है। इस प्रकार की बहुतसी शिकायतें आ रही है।

बाकी खर्च पर नियंत्रण रखने हेतु आबंटित ठेके पर समीक्षा करना, उत्पन्न बढाने के लिए विशेष प्रयास करना इत्यादि चर्चाएं की गई है। यात्रिओंके हित सम्बन्धी चर्चा हमने यहाँपर भाषांतरित कर प्रस्तुत की है। चूंकि यह पत्र सोशल मीडिया पर आया है तो हमने उसे रेल्वे की कार्यप्रणाली और भारतीय रेल के प्रति, उसके सर्वांगीण विकास के प्रति अधिकारियों को कितने परिश्रम करने होते है यह समझने हेतु आपके सामने प्रस्तुत किया है।

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