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ऑन ड्यूटी टिकट चेकिंग स्टाफ पर अवैध विक्रेता की जानलेवा हमला करने की धमकी

रेल दुनिया ब्लॉग के माध्यम से हम सदैव रेल गाड़ियों मे अवैध विक्रेताओं का विषय सामने लाते रहे है। भारतीय रेल के यूँ समझिए की कोई मार्ग इन अवैध विक्रेताओं, भीख माँगनेवालों से छूट नहीं है। रेल गाड़ी के प्रत्येक वर्ग यहाँतक की वातानुकूलित कोच तक भी अवैध विक्रेता धड़ल्ले से पहुँच गए है। निम्नलिखित खबर देखिए,

दिव्य मराठी, दिव्य सीटी भुसावल दि. 20/1/2022

उपरोक्त खबर मराठी भाषा मे है। खबर का आशय यह है, दिनांक 16 जनवरी रविवार को लोकमान्य तिलक टर्मीनस से भागलपुर की ओर जानेवाली सुपरफास्ट मे मुख्य टिकट निरीक्षक दिनेश वसापा, भुसावल से खंडवा के दरम्यान अपनी विशेष टिकट जांच की ड्यूटी कर रहे थे। B-2 अर्थात वातानुकूल थ्री टियर कोच मे, बुरहानपुर स्टेशन के पास एक अवैध सिंगदाना विक्रेता को डिब्बे मे पाकर उन्होंने उसे टिकट की मांग की तो उसने चाकू से खून कर दूंगा ऐसा धमकाया और गाड़ी की खतरे की जंजीर खींचकर उसने गाड़ी को रोक वह चलता बना। इस मामले मे थाने शिकायत दर्ज की गई और उस विक्रेता को धरा भी गया है। कुछ इसी तरह का वाकया करीबन आठ दिन पहले मनमाड स्टेशनपर भी घटित हुवा। मनमाड स्टेशनके अवैध विक्रेताने गाड़ी के पेंट्रीकार के विक्रेता से मारपीट की और उसके पैसे छिन लिए।

ऐसे कुछ मामले जिनकी शिकायत दर्ज होती है सामने आते है, मगर ऐसे ही कई मामले यात्रीओं के साथ भी घटित होते है जिन्हे यात्री अपनी लंबी दूरी की यात्रा के चलते दर्ज नहीं कराते और मारपीट, छिनाझपटी, गालीगलौच तक सह लेते है। अवैध विक्रेता चलते गाड़ी मे रास्ते के छोटे स्टेशनोंसे, स्टेशनों के छुपे मार्गों से चढ़ते और उतरते है, बड़े ठकुराई से अपना चाय, खाद्य सामान, पान-गुटखा, छोटी स्टेशनरी, नकली ज्वेलरी ई. सामान बेचते है। यात्रीओं से इनके वादविवाद भी चलते रहते है। द्वितीय श्रेणी के डिब्बों मे जहाँ रेल्वे का कोई निरीक्षक मौजूद नहीं रहता उससे शूरवात होते होते इन लोगों का अवैध कारोबार, घुसाव अब स्लीपर और वातानुकूलित कोच मे भी फैल गया है। जहाँ आम यात्री बेचारा आरक्षित कोच मे चढ़ने से परहेज करता है वहीं यह लोग बिना टिकट, बिना अनुमति बेखौफ सारी गाड़ी मे अपने धंधे करते फिरते है। रेल्वे की सुरक्षा मे सभी बड़े स्टेशनोंपर CCTV कैमेरे लगाए गए है। रेल्वे सुरक्षा बल RPF और सरकारी रेल्वे पुलिस GRP की सदैव निगरानी रहती है। चलती गाड़ियों मे भी रेल्वे पुलिस सक्रिय रहती है, इसके बावजूद यदि यह अवैध विक्रेता गाड़ी मे अपनी रंगदारी करते है तो बड़े ताज्जुब की बात है। रेल प्रशासन को चाहिए की अपनी सुरक्षा व्यवस्था की पुन: समीक्षा करें।

हम बारबार यात्रीओं से भी निवेदन करते है, अवैध विक्रेताओं से खाद्य सामग्री ना खरीदें। ऐसा कर के आप अपने स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे है। भीख माँगनेवालों को भीख देकर, इन विक्रेताओं से सामान खरीदकर उन्हे इस तरह के अवैध कामकाज के लिए आप प्रोत्साहित न करें। यह आपके सुरक्षित रेल यात्रा के लिए खतरा भी खड़ा कर सकते है। रेल प्रशासन अवैध विक्रेताओं और अन्य अवैध प्रवेशों को आपकी सुरक्षा के हेतु कार्रवाई करते रहता है, आप भी इन अवैध विक्रेताओंसे व्यवहार न कर रेल प्रशासन का सहयोग करे।

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