जरा सोचिए, मुम्बई से सीधे गाड़ी सुदूर पूर्वोत्तर में अगरतला और सिल्चर तक जाने के लिए उपलब्ध हो रही हो या सिल्चर से जम्मूतवी तक सीधी रेल मिल जाये! जी यह सम्पर्कता मिल सकती है।

उपरोक्त पत्र देखिए, दरअसल यह पत्र गौहाटी, कामाख्या रेलवे स्टेशनोंपर गाड़ियोंके बहुतायत होने की वजह से रखरखाव और पार्किंग की परेशानियों के चलते कुछ गाड़ियोंको अपने गन्तव्योंसे थोड़ा और आगे ले जा कर टर्मिनेट करने की सम्भावनाएं तलाशने के लिए लिखा गया कार्यालयीन पत्र है।
इस पत्र में 12514/13 गौहाटी सिकन्दराबाद गौहाटी साप्ताहिक एक्सप्रेस को अगरतला, 15651/52 गौहाटी जम्मूतवी गौहाटी साप्ताहिक एक्सप्रेस को सिल्चर, 15645/46 गौहाटी लोकमान्य तिलक टर्मिनस गौहाटी द्विसाप्ताहिक एक्सप्रेस को न्यू तिनसुकिया या डिब्रूगढ़ और 12520/19 कामाख्या लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामाख्या साप्ताहिक एक्सप्रेस को अगरतला तक ले जा कर टर्मिनेट करने की संभावनाएं देखने के लिए, सम्बन्धित मण्डल कहा गया है। इन गाड़ियोंका विस्तार इनके गौहाटी/कामाख्या स्टेशनोंपर तकरीबन 50 से 60 घंटे तक के लंबे ‘लाय ओवर पीरियड’ के कारण सम्भव हो सकता है।
लुमडिंग मण्डल का अगरतला, सिल्चर या तिनसुकिया मण्डल के डिब्रूगढ़, न्यू तिनसुकिया तक यह मुम्बई, सिकन्दराबाद, जम्मू की गाड़ियां सीधी पहुंचने लग जाए तो पूर्वोत्तर राज्योंमें, न सिर्फ पर्यटन बल्कि व्यापार उद्योगों को भी बड़ी चालना मिलेगी। वैसे इन स्टेशनोंके लिए अभी भी गाड़ियाँ चल रही है, मगर सीधी गाड़ी की बात ही कुछ और है। हम आशा करते है, जल्द ही उपरोक्त मण्डलोंका समयसारणी एवं रखरखाव का नियोजन हो जाये और रेल बोर्ड इन गाड़ियोंका विस्तार कर दे।