लीजिए, अब वडोदरा जंक्शन से भी 6 जोड़ी याने 12 यात्री गाड़िया बाईपास कर निकाल दी जाएंगी। गाँधीधाम की दो, ओखा की दो और भावनगर एव भुज की एक एक गाड़ियाँ जो कामाख्या, गौहाटी, शालीमार, हावड़ा, आसनसोल एव वाराणसी को जोड़ती है। यह गाड़ियोंकी वडोदरा कनेक्टिविटी जाकर, छायापुरी स्टेशन से हो जायेगी।
इससे पहले मनमाड़ – पुणे मार्ग के दौंड जंक्शन के बजाय दौंड कॉर्ड स्टेशन से गाड़ियाँ निकलने से दौंड स्टेशन की सारी रौनक ही चली गयी। खैर, वडोदरा दौंड के मुकाबले बहुत बड़ा स्टेशन और शहर है।
वडोदरा रेल्वे स्टेशन से छायापुरी रेलवे स्टेशन करीबन 7-8 किलोमीटर दूरी पर है। सिटी बस से करीबन 15 से 20 रुपये और ऑटो, टैक्सी से 100 से 150 रुपये किराया लग सकता है। परेशानी जंक्शन पर अलग मार्ग के लिए गाड़ी बदलने वाले यात्रिओंको होती है। अब यात्रिओंको चाहिए की वह जंक्शनोंके महत्व और उपयोग भूल जाये क्योंकी रेल प्रशासन ने स्टेशनोंपर किए जाने वाले शंटिंग बन्द करने की ठान ली है। इसी के चलते लिंक गाड़ियाँ और स्लिप कोचेस की सेवाएं भी बंद कर दी गयी है।
रेल प्रशासन ने अपने लोको रिवर्सल, शंटिंग और परिचालन समय की बचत करने हेतु यह व्यवस्था बनाई है। मध्य रेलवे के दौंड जंक्शन, प म रेल पर भोपाल जंक्शन और पश्चिम रेलवे के वडोदरा जंक्शन पर यही हुवा है। आगे इस सूची में नागपुर जंक्शन इटारसी से गोंदिया की ओर जानेवाली गाड़ियोंके लिए जल्द ही बाईपास होने वाला है। और जिन जिन स्टेशनोंपर लोको रिवर्सल करना पड़ता है, ऐसे सब स्टेशनोंको बाईपास बनाने के लिए नामित किया जा रहा है।
पश्चिम रेलवे का परिपत्रक :-

