आये दिन ट्विटर पर यात्रिओंकी, रेल अधिकारियों के लिए ‘ओवर चार्जिंग’ की शिकायतें मौजूद रहती है। उन में सबसे ज्यादा शिकायतें पानी बोतल सबन्धी होती है।
रेलवे स्टेशनोंपर या रेल गाड़ी में पानी की बोतलें खूब बिकती है। प्लेटफार्म पर, खानपान विभाग के प्रत्येक जंक्शन स्टेशनोंके स्टॉल पर अमूमन 5,000 बोतल बिकती है। यानी छपी कीमत के मूल्य से 75,000 की सेल। प्रशासन की मान्यता प्राप्त बोतलोंमें करीबन 20% की मार्जिन होती है तो अनब्रांडेड बोतलोंमें 40% कमीशन मिलती है। ठंडा करने का खर्च और स्टॉल के किराए, वेण्डर की पगार आदि जोड़े तो भी 7 से 10% कमाई कहीं नही गयी। कुल मिलाकर यह सारा खेल 5 से 7 हजार रोजाना का है।

जब तक ईमानदारी से छपे मूल्य से सामान या बोतले बिकती है तब तक का यह हिसाब ठीक है, मगर यही बात कट प्रैक्टिस में चला जाये तो अनब्रांडेड बोतलें, प्लेटफार्म के नलों, वॉटर कूलर्स को बन्द करवाना या अवैध वेंडरोंसे काम करवाना शामिल किया तो कमाई दुगुनी, चौगुनी हो जाती है। न कोई बिल है न ही कोई हिसाब किताब। दिनभर पानी बोतलों की खेप आते रहती है और बिकते रहती है। कहा जाता है, प्लेटफॉर्म से लेकर रेल गाड़ी तक और उच्च पदस्थों से लेकर सिपाही तक सबको इसका जमा गुना भाग बँटाई सब पता होता है।
गलती कहाँ होती है? सच्चा, झूठा जो भी व्यवहार है, यात्री तक आकर सर्कल कम्प्लीट होता है। यात्री यदि ₹15/- पर अड़ जाए तो… क्या यह सम्भव हो सकता है? कई बार यात्री के पास कोई ऑप्शन नही होता और वह दिखती आंखों से इस लूट में बकरा बनता है। कहीं गाड़ी छूटने को हो रही होती है तो कहीं प्यास की आस लगी रहती है, कहीं अपने परिवार का ख्याल होता है। कुल मिलाकर मजबूरी यात्री को बेबस कर देती है। स्टॉल धारकोंकी न ही नीति बची है न ही अधिकारियोंका डर। हालांकि इस गोरखधंधे में कई स्टॉल अपवाद भी है, जो अपनी नीति अब भी बरकरार रखे हुए है। छपी कीमत से ज्यादा चार्ज नही करते।

यात्रीगण से क्या कहे, बस यह समझिये की मजबूर वाली स्थिति न आने दे। पीने के पानी का स्टॉक सदैव साथ रखा रहने दे या छुट्टा पैसा साथ रख खरीदारी करें या रकम राउण्ड ऑफ हो ऐसी एडजस्टमेंट करें ताकि वेन्डर्स को भी कोई असुविधा का सामना न करना पड़े। ज्यादातर रेल प्रशासन की ओरसे प्लेटफार्म पर पेयजल की व्यवस्था हेतु वॉटर कूलर या वॉटर वेंडिंग मशीने लगी होती है।एक बात का विशेष ख्याल रखे, अवैध वेण्डरों से किसी तरीके की कोई चीज न खरीदे। यह न सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान दे सकती है, अपितु किसी विवाद का कारण भी बन सकती है।
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