नवनिर्मित वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी कोच में यात्रिओंके लिए चद्दर, कम्बल नही।
निम्नलिखित परिपत्रक यह कहता है, रेलवे के महत्वकांक्षी नवनिर्मित वातानुकूल थ्री टियर कोच में यात्रिओंको लिनन यानी चद्दरें और कम्बल उपलब्ध नही कराए जाएंगे।

जी, अब तो समझ लीजिए साहब, यह किसकी ‘इकोनॉमी’ है? नियमित वातानुकूल थ्री टियर और नए वातानुकूल इकोनॉमी कोच के यात्री किराये में बहुत ही मामूली अन्तर है और इतनी कम इकोनॉमी (रियायत) में यात्री को लुभाकर उसकी चद्दरें, कम्बल यदि छीन ली जाए, हाथ पैर पसारने की जगह भी कस दी जाए तो क्या वह सचमुच ‘इकोनॉमी’ कोच की तरफ आकर्षित होगा? हमे तो नही लगता, आगे ‘इकोनॉमी’ का लाभ लेने वाले यात्री ही जाने।