
कल ट्विटर के जरिये रेल राज्य मन्त्री रावसाहेब दानवे की घोषणा के उपनगरीय यात्रिओंपर भर तपती गर्मी में वातानुकूलित ठण्डी ठण्डी लहरों की बौछार हो गयी। मुम्बई की वातानुकूलित उपनगरीय गाड़ियोंके एकल यात्रा किराये अमूमन सीधे आधे कर दिए गए है। यह किराया दर सम्भवतः 05 मई से लागू हो जाएगा। साथ ही प्रथम वर्ग के किरायोंमे भी थोड़ी कटौती की गई है। आप निम्नलिखित चार्ट से समझ सकते है, वाकई किरायोंमे जो कटौती की जा रही है, मुम्बईकरों को भारी राहत दी जा रही है।

थोड़ा गणित भी समझ लीजिए इस एकल यात्रा छूट का। दरअसल मुम्बईकर अपनी रोजाना उपनगरीय यात्रा के लिए सीजन पास निकालता है, जो मासिक/त्रिमासिक या अर्धवार्षिक, वार्षिक होती है। इन सीजन पासों के दरों में कोई भी बदलाव नही किया गया है। यह एकल यात्रा टिकट मुम्बईकर कम और मुम्बई यात्रा करनेवाले मुम्बई के बाहरी यात्री ही अक्सर निकालते है। उपनगरीय यात्री संख्या में एकल यात्रा करने वालोंका अनुपात सीजन पास धारकोंके मुकाबले काफी कम है।
दुसरा, हाल ही में रेल मन्त्री अश्विनी वैष्णव का एक बयान मीडिया में बड़ा चर्चित रहा उसे भी देख लीजिए,
एक तरफ मन्त्री जी यात्री किरायों में बड़े घाटे की बात कह रहे है। “1 रुपए 16 पैसे खर्च होते हैं पैसेंजर को ट्रेवल कराने के लिये, हम पैसेंजर से लेते हैं मात्र 48 पैसे। जो भी यात्रा करते हैं उन्हें बहुत बड़ा डिस्काऊंट दिया जाता है” : माननीय रेल मंत्री https://t.co/ITMfD1rY7A
एक तरफ रेल मंत्री का कहना है, यात्री गाड़ियां नुकसान में चल रही। दूसरी ओर सवारी गाड़ियोंको को एक्सप्रेस, विशेष एक्सप्रेस बना कर उनका किराया बढ़ा दिया, कई सारी रियायते अटकी पड़ी है और कब शुरु होंगी या कभी होंगी भी या नही इसका कुछ पता नही और ऐसे में मुम्बई की वातानुकूलित उपनगरीय गाड़ियोंका किराया आधा कर दिया। गैरउपनगरिय यात्रिओंके अब तक भी कई गाड़ियोंका इंतजार करते, सब पडावोंपर रुकते हुए, 30-35 kmph के एवरेज गति से चलनेवाली गाड़ियोंमे एक्सप्रेस के किराए चुकाने वाले पीड़ित, खुद की प्रताड़ना का शिकार मानने वाले सवाल करते है, इस आधे किरायोंके नुकसान की भरपाई कौन करेगा? इस पर किसी मसखरे का जवाब भी सुन लीजिए, “वोटिंग” ☺️☺️